
कलकत्ता हाईकोर्ट ने fake advertisements की वजह से पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की फटकार लगाई है. हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार सरकार तुरंत ऐसे advertisements बंद कर दे जिसकी वजह से स्थानीय जनता CAA और NRC के खिलाफ हो रही है. इसी मसले को सुलझाने के लिए हाईकोर्ट ने 9 जनवरी 2020 को सुनवाई की डेट रखी है.
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. कहीं इसके विरोध में तो कहीं इसके पक्ष में. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बीजेपी ने विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के ऊपर आरोप लगाया है कि विपक्ष वोटबैंक की राजनीति करने के लिए नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहा है और इस कानून के बारे में आम लोगों को बर्गला रहा है. जबकि विपक्षी पार्टियां सीएए का विरोध करते हुए इसको वापस लेने की मांग पर अड़ गई हैं.
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पीएम मोदी की 22 दिसबंर को हुई आभार रैली में उन्होंने कहा था कि नागरिकता देने का कानून बीजेपी का नहीं बल्कि पिछली सरकारों का है, हमारी सरकार ने तो बस इसे लागू किया है. इसी के साथ रैली में पीएम मोदी ने जानकारी दी कि ये कानून नागरिकता देने का है नागरिकता लेने का नहीं है, तो हमारे देश में रह रहे मुस्लिम भाइयों को परेशान होने की जरूरत ही नहीं है.
Calcutta High Court directs West Bengal government to stop all government advertisements that say National Register of Citizens (NRC) and Citizenship Amendment Act (CAA) will not be implemented in the State. Next date of hearing is on January 9, 2020. pic.twitter.com/egLSxqmFfb
— ANI (@ANI) December 23, 2019
जबकि पश्चिम बंगाल सरकार और सीएम ममता बनर्जी NRC और CAA जमकर विरोध कर रही हैं. इसी के साथ वो ये भी कह रही हैं कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पश्चिम बंगाल में नहीं लागू होने देंगी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मांग भी है कि नागरिकता कानून वापस लिया जाना चाहिए.