
8 सितंबर यानि आज ही दिन जन्मी सुरों की मल्लिका आशा भोसले एक ऐसी शख्स हैं जो भारतीय संगीत की दुनिया में करीब 6 दशक से छाई हुई हैं। उन्होंने अपनी बड़ी बहन लता मंगेशकर के पदचिन्हों पर चलते हुए 10 साल की उम्र से ही गायकी शुरू कर दी थी और अलग-अलग भाषा में वह अब तक 11 हजार से ज्यादा गाने गा चुकी हैं। 1948 में 16 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला गाना गाया था। आइए, जानते है उनके इन रोचक सफर की खास बातें…
सुरों की मल्लिका आशा भोंसले आज 86 साल की हो गई हैं. उनका जन्म 8 सितंबर, 1933 को हुआ था. उन्होंने अपनी बड़ी बहन लता मंगेशकर के पदचिन्हों पर चलते हुए 10 साल की उम्र से ही गायकी शुरू कर दी थी. आशा भोंसले ने दीदी लता मंगेशकर के साथ ‘चला चला नाव’ गीत गाया था. आशा भोंसले की हसरत गायकी के साथ एक्टिंग में भी हाथ आजमाने की थी. लेकिन तकदीर ने उनका साथ दिया गायकी में.
उन्होंने अपने छह दशक के करियर में लगभग 12,000 से ज्यादा गीत गाए हैं, और उन्होंने हर तरह के जॉनर में हाथ आजमाया है. आइए एक नजर डालते हैं उनके सफर पर
आशा भोंसले ने फिल्मों में अपना पहला गाना 1948 में गाया था. ‘चुनरिया’ नाम की इस फिल्म में ‘सावन आया रे’ गाना उन्होंने जोहराबाई अंबालेवाली और गीता दत्त के साथ गाया था और यह कोरस में था. लेकिन जल्द ही उन्हें सोलो गाना भी मिल गया.
16 साल की उम्र में उन्होंने ‘रात की रानी (1949) फिल्म में ‘हैं मौज में अपने बेगाने’ गीत गाया था. 1948 से लेकर 1957 तक उन्होंने ढेर सारे गीत गाए लेकिन उन्हें याद नहीं रखा जा सका क्योंकि वे छोटी और बी तथा सी ग्रेड फिल्मों में गाए हुए गाने थे. उन्होंने करियर शुरू किया उस समय गीता दत्त, शमशाद बेगम और लता मंगेशकर जैसी गायिकाओं का दबदबा था.
कहा जाता है कि जो गीत ये गायिकाएं नहीं गाती थीं, वही गाने आशा भोंसले के हिस्से आते थे. उन्होंने हार नहीं मानी और जो भी काम मिला आशा भोंसले ने उसे पूरी जी-जान से किया. 1957 में उन्हें बड़ा ब्रेक दिया ओ.पी. नैय्यर ने. फिल्म थी ‘तुमसा नहीं देखा'(1957). इसके बाद नया दौर (1957), लाजवंती (1958), हावड़ा ब्रिज (1958) और चलती का नाम गाड़ी (1958) जैसी फिल्मों ने उन्हें बॉलीवुड में स्थापित करने का काम किया.
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आशा भोंसले हमेशा से बिंदास और बागी तेवरों वाली रही हैं. यही वजह थी कि घरवालों की मर्जी के बिना उन्होंने 16 साल की उम्र में गणपतराव भोंसले के साथ शादी कर ली थी. लेकिन सब कुछ सही नहीं चला और कुछ समय बाद वे घर वापस लौट आईं.
उस समय तक उनके तीन बच्चे थे. उन्होंने पंचम दा के नाम से मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर आर.डी. बर्मन से 1980 में शादी कर ली और दोनों का ही यह दूसरा विवाह था. दोनों की जुगलबंदी ने ढेर सारे हिट गाने भी दिए.