
नई दिल्ली: तुर्की में तख्तापलट की कोशिश नाकाम हो गई है. सेना के बागी सैनिकों ने सरेंडर कर दिया है. राष्ट्रपति रैचप तैयप की सरकार ने बागियों को कुचल दिया औऱ कुछ घटों में बागियों को घुटने पर आने को मजबूर कर दिया. हालांकि ये सस्पेंस बना हुआ है कि तख्तापलट क्यों किया गया था. क्योंकि सेना के प्रमुख खुद तख्तापलट की कोशिशों के शिकार बने. सरकार की ओर से धार्मिक फेतुल्ला गुलेन का नाम आ रहा था लेकिन अब ताजा खबर ये है कि गुलेन ने हाथ होने से इनकार किया है.
तुर्की अधिकारियों ने आज बताया कि सरकार ने राजधानी अंकारा में रात भर हुए विस्फोटों, हवाई संघर्ष एवं गोलीबारी के बाद सैन्य तख्तापलट की कोशिश को नाकाम कर दिया है.
सरकारी मीडिया के अनुसार तख्तापलट की कोशिश में कम से कम 17 लोग मारे गए हैं जबकि ‘एएफपी’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि एनटीवी ने गोलबासी जिले में मुख्य अभियोजक के कार्यालय के हवाले से कहा है कि अंकारा में 60 लोगों की मौत हुई है जिनमें से 17 पुलिस कर्मी हैं.
तुर्की में तख्तापलट की कोशिश करने वालों को राष्ट्रपति ने देशद्रोही करार दिया
तुर्की में तख्तापलट के बीच राष्ट्रपति रेसेप तैयप एरदोगन ने ‘फेसटाइम’ के जरिए देश को संबोधित करते हुए कहा कि वह अभी भी राष्ट्रपति पद पर बने हुए हैं. उन्होंने विपक्षी बलों को ध्वस्त करने की प्रतिबद्धता जताई. एरदोगन ने वीडियो संदेश में कहा, “मैं देश की जनता से सड़कों पर उतरने का आह्वान कर रहा हूं. आओ, इन्हें सबक सीखाएं. मुझे नहीं लगता कि तख्तापलट की यह कोशिश सफल होगी. इतिहास में तख्तापलट की कोई भी साजिश सफल नहीं हुई.”
फर्स्ट आर्मी कमांडर उमित डुंडर ने कहा, “तख्तापलट की साजिश रचने वालों की सेना में मामूली संख्या है. चिंता करने की जरूरत नहीं है.” तुर्की की समाचार एजेंसी ‘एनादोलु’ ने एरदोगन के हवाले से बताया कि तख्तापलट की कोशिश करने वाले लोगों की पहचान हो गई है. ये आतंकवादी संगठन एफईटीओ/पीडीवआई से जुड़े हुए हैं.
प्रधानमंत्री बिनाली यिलदिरीम ने शुक्रवार रात को देश को संबोधित करते हुए कहा, “यह लोकतंत्र पर हमला है. हम इसे सहन नहीं करेंगे. लोकतंत्र पर किसी तरह का कोई समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. दोषियों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.”
बहरहाल, उनके कार्यालय ने यह बताने से इनकार कर दिया कि वह कहां हैं. कार्यालय ने केवल यह कहा कि वह सुरक्षित स्थान पर हैं.
भारतीयों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
तुर्की में रह रहे भारतीय नागरिकों को भारतीय विदेश मंत्रालय ने हालात साफ होने तक घरों में ही रहने के निर्देश दिये हैं. अंकारा और इस्तांबुल में हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है.