
हिंडन हवाई अड्डा बनने के करीब तीन महीने बाद भी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया उड़ान सेवा शुरू नहीं करा पाई है। कारण, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के साथ हुआ समझौता आड़े आ रहा है।
समझौते की शर्तों के तहत एयरपोर्ट अथॉरिटी दिल्ली एयरपोर्ट से 150 किलोमीटर के दायरे में दूसरी व्यावसायिक उड़ान सेवा शुरू नहीं कर सकी है।
अब मामला नियमों में फंसा तो अथॉरिटी के अधिकारी अन्य विकल्पों पर विचार करने में जुट गए। जीएमआर को भरोसा दिया जा रहा है कि हिंडन से उड़ान सेवा शुरू होने पर जो भी नुकसान होगा उसकी भरपाई की जाएगी।
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अभी तक कंपनी और अथॉरिटी अधिकारियों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है। बीते हफ्ते हुई बैठक के बाद कंपनी हिंडन से उड़ान सेवा की स्वीकृति देने पर सहमत हुई है, लेकिन अभी नुकसान की भरपाई का प्रारूप फाइनल होना बाकी है।
उधर, मौखिक तौर पर सहमति के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ने उड़ान सेवा की संभावित तिथि पांच अगस्त निर्धारित की है, लेकिन उससे पहले अथॉरिटी और कंपनी के बीच समझौते पर हस्ताक्षर होने जरूरी हैं। सूत्रों का कहना है कि दो बार वार्ता समझौते के स्तर पर पहुंची, लेकिन अंतिम समय पर सहमति नहीं बनी।
अथॉरिटी अधिकारियों का तर्क था कि हिंडन से सस्ती फ्लाइट सेवा शुरू होगी जो उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) स्कीम के तहत रीजनल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है। इससे किसी तरह का आर्थिक नुकसान नहीं होगा। जबकि कंपनी का तर्क रहा है कि घरेलू उड़ान सेवा हिंडन से शुरू होने पर उसके राजस्व में गिरावट आएगी। इस कारण से उड़ान सेवा में देरी होती चली गई।
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सरकार की तरफ से उड्डयन मंत्रालय ने भी उड़ान में देरी होने पर नाराजगी जताई है। इसके बाद अब अथॉरिटी के अधिकारी कोशिश में लगे हैं कि अब समझौते को लेकर कोई पेंच न फंसे। जुलाई के पहले सप्ताह में बैठक बुलाई है। उधर, एयरपोर्ट अथॉरिटी ने लखनऊ रूट पर उड़ान सेवा शुरू करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।