केदारनाथ क़यामत के 6 साल, आज भी सिहर उठता है दिल ! देखें खास रिपोर्ट …
उत्तराखंड : 16-17 जून 2013 की वो काली रात जिसे शायद ही लोग कभी भूल पाएं क्योंकि ये वो काली रात थी जिसने हजारों लोगों को काल का ग्रास बना दिया था लेकिन 6 साल बीत जाने के बाद आज भी कई लोग उस रात को याद कर सिहर जाते हैं |
लेकिन कहते हैं कि वक्त बदलते देर नहीं लगती और अब मानों वो भयावह रात पीछे छूट गई हों |
16 जून 2013 वो तारीख जिसने उत्तराखंड को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी | वो दिन जिसे शायद ही कोई याद करना चाहे | उस दिन असमान से बरसी आफत ने उत्तराखंड खासकर केदार घाटी में जगह जगह बर्बादी के वो निशान छोड़े जिन्हें मिटाने में वर्षों लग गए |
लेकिन अब केदार घाटी बदल रही है | यहां जिंदगी तो ढर्रे पर लौट ही रही है साथ ही यात्रा भी पहले के मुकाबले बेहतर ढंग से चल रही है |
कुदरत द्वारा दिए गए जख्मों के साथ सामन्जस्य बैठा कर लोग फिर से जिंदगी के रास्ते पर चल निकले हैं और इस सब में उनका साथ देने के लिए साये की तरह साथ खड़े है बाबा केदार जो आज भी चट्टान की तरह केदार घाटी में न सिर्फ विराजमान हैं | बल्कि घाटी में तबाही का मंजर देख चुके लोगों के मन में उनके प्रति श्रद्धा और आस्था और हो गयी है |
6 साल में कितना बदला केदारनाथ-
बाबा केदार के धाम में 16 जून को कुदरत ने जो तांडव किया उसे देश और दुनिया के लोग शायद ही भूले हों , उस दिन चोराबारी गलेशियर और गांधी सागर झील से आये पानी और मलबे के सैलाब ने सिर्फ हजारों लोगों को जिन्दा दफन ही नहीं किया |
बल्कि करोड़ों रुपये की संपत्ति को भी तबाह कर दिया | उस दिन एक झटके में कुदरत ने हजारों बच्चों को अनाथ बना दिया और कितने बूढ़े माँ-बाप से उनके बुढ़ापे की लाठी को छीन लिया |
लोग कुदरत की उस मार को भूल कर आगे की और चल दिए हैं और सिर्फ लोग ही क्यों बाबा केदार की नगरी भी 1 बार फिर से वक्त के साथ कदम ताल करने लगी है |
2013 की आपदा के बाद पीएम नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ को भव्य केदारपुरी बनाने का संकल्प लिया और इसी का नतीजा है कि केदरापुरी अब पहले से भी ज्यादा भव्य और दिव्य हो चुकी है |
लेकिन इसका एक स्याह पहलू यह भी है कि जिस तरह केदारनाथ सहित गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है उससे यात्रा व्यवस्थाओं में कई अव्यवस्थाएं भी देखने को मिल रही हैं | जिसपर विपक्षी दल कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं |
वहीं केदारधाम सहित चारधाम पंहुच रहे तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ को देखकर मंदिर समिति के लोग भी काफी खुश नजर आ रहे हैं | मंदिर समिति के लोग कहते है कि विश्वास नहीं था कि इतनी भारी संख्या में तीर्थयात्री चारोंधाम पंहुचेगे |
2013 में हुई तबाही के बाद 1 बार तो ऐसा लगने लगा था कि शायद बाबा केदार की नगरी में दोबारा चहल पहल शुरू होने में दशकों लग जायेंगे लेकिन तबाही का मंजर दिखाने वाले बाबा ने ही लोगों को फिर से उठ कर अपने पैरों पर खड़े होने की ऐसी प्रेरणा दी की 6 साल में ही बाबा का धाम ना सिर्फ फिर से आबाद हो गया |
बल्कि केदारनाथ को भव्य केदारपुरी के रूप में बसाया जा रहा है | यहां अभी भी लोगों के मन में अपने घर बार और अपनों को खो देने का गम तो है लेकिन सर उठा कर जीने का गजब का हौसला भी है और शायद यही कारण है कि 6 साल बाद केदार घाटी में आने वाले लोगों को ये विश्वास ही नहीं होता की यंहा कुदरत ने विनाश की ऐसी होली खेली थी की उसे देखने वाले कई लोग आजतक सामान्य भी नहीं हो पाए हैं |
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मोदी की ‘ध्यान गुफा’ भी आकर्षण का केंद्र
यूं तो केदारनाथ पुनर्निर्माण के बाद से ही केदार पुरी आने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ी है, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी का बार-बार केदारनाथ आना भी इस धाम के प्रमोशन में काफी मददगार बना है |
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ की जिस गुफा में ध्यान किया | उसके प्रति भी तीर्थयात्रियों का खास आकर्षण दिखाई दे रहा है।
हर साल रिकॉड तोड़ रही है भक्तों की भक्ति-
आज भी बाबा केदार के धाम में जमीन के नीचे हजारों लोग दफन हैं लेकिन आपने सुना होगा की वक्त हर जख्म भर देता है चलते रहने का नाम ही जिंदगी है और इसका जीताजागता उदाहरण बाबा केदार का धाम हैं |
जहां इस बार 9 मई को कपाट खुलने के बाद से अब तक 5 लाख से ज्यादा लोग बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं और ये सिलसिला लगातार जारी है और इसके साथ ही जारी है बाबा के धाम को एक नया स्वरुप देने की मुहीम |
ताकि यहाँ आने वाले लोग जब यहां से वापस जाएँ तो वे 2013 की डरावनी यादों की जगह 2019 के खुशनुमा माहौल को अपने दिलों में बसा कर अपने घर वापस पहुंचे |
चारों धामों में अब तक कितने लोग दर्शन कर चुके हैं | कब कितने यात्री आए बद्री-केदार-
वर्ष बदरीनाथ केदारनाथ
2013 497386 333656
2014 150060 40922
2015 366455 154385
2016 654355 309764
2017 920466 471235
2018 1048051 731991
सब भूल गए की कोई आपदा भी आई थी –
हम खुद इस बात के गवाह हैं कि कैसे केदार घाटी को कुदरत ने तबाह कर दिया था लेकिन केदार घाटी में अब सब कुछ सामान्य होने लगा है| बाबा के धाम की रौनक तो लौट आई ही है |
साथ ही बाबा के धाम को नया रंग रूप प्रदान करने की कोशिशें भी जारी हैं और यदि ये सब इसी गति से जारी रहा तो केदारनाथ एक ऐसा स्थान होगा जहां दुनिया का हर आदमी आकर बाबा के आगे नतमस्तक होना चाहेगा और आपको आने वाले समय में एक भव्य केदारपुरी के दर्शन होंगे |