गंदगी पर भारी पड़ा आस्था और विश्वास, यमुना में स्नान कर श्रद्धालु ले रहे हैं विशेष पुण्य का लाभ
Report: Amit Bhargava/Mathura
आज गंगा दशहरा है। माना जाता है कि इस दिन गंगा मैया धरती पर आयी थीं। राजा सगर के एक हजार पुत्रों की आत्मा की शांति के लिए भागीरथ ने तपस्या की और प्रसन्न होकर माता गंगा धरती पर आयीं। इससे पहले वे हिमालय में सप्त ऋषियों और देवताओं की पूज्य थीं, लेकिन धरती पर आने के बाद वे पूरी मनुष्य जाति का उद्वार करने लगीं।
धार्मिक मान्यता है कि गंगा ओर यमुना नदी में स्नान करने से व्यक्ति के पाप कटते हैं। वहीं यदि स्नान गंगा दशहरा पर्व पर किया जाए तो इसका पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।
यमुना मैया को भी पवित्र नदियों में गिना जाता है। जो लोग गंगा मैया के तट पर न जा सकते हों वे यमुना नदी में स्नान करते है …
वही यमुना नदी का शुद्धिकरण ना होने श्रद्धालु आहत होते हैं ..लेकिन श्रद्धा भाव और आस्था के चलते वह उसी जल मे स्नान कर कर चले जाते हैं.
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लेकिन आज के हालात देखे तो यमुना मे गंदगी से हर कोई आहत है.
सरकार भी यमुना गंगा के शुद्धिकरण की बड़ी-बड़ी बातें करती है और काफी लंबे समय से योजनाएं चलाने की बात करती है लेकिन अभी तक ना गंगा शुद्ध हुई और ना यमुना..