जिला सहकारी बैंक भर्ती पर फिर उठने लगे हैं सवाल, संविदा पर हुई थी बात
जिला सहकारी बैंक देहरादून में संविदा पर एक लिपिक की भर्ती के मामले में सवाल उठे हैं। को-ऑपरेटिव बैंक इंपलाइज यूनियन ने इस भर्ती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारी नेताओं के स्तर पर इस मामले को उठाए जाने के बाद बैंक के अध्यक्ष अमित चौहान ने नियुक्ति निरस्त करने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा है कि किसी एक की संविदा पर नियुक्ति उचित नहीं है। आउटसोर्स पर जो लोग काम कर रहे हैं, या तो सभी की संविदा पर नियुक्ति हो, ऐसा संभव न हो तो इस नियुक्ति को भी निरस्त कर दिया जाए।
इंपलाइज यूनियन ने बैंक अध्यक्ष अमित चौहान से मुलाकात कर बैंकों में वर्ग तीन के पदों पर संविदा के आधार पर नियुक्ति का मामला उठाया था। यूनियन के अध्यक्ष मनोज नेगी और मंत्री रोहित रौतेला ने इस संबंध में उन्हें ज्ञापन भी दिया था। ज्ञापन में कहा गया था कि बैंकों में उचित चयन प्रक्रिया अपनाए बिना संविदा के आधार पर नियुक्ति दी जा रही है।
उन्होंने संविदा पर हाल ही में की गई एक लिपिक की नियुक्ति का मामला उठाते हुए कहा कि इसे पूर्व में निरस्त कर दिया गया था, लेकिन अब फिर से नियुक्ति दे दी गई है। जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष अमित चौहान ने कर्मचारियों की बात पर सहमति जताई और नियुक्ति निरस्त करने की संस्तुति कर दी।
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चौहान के अनुसार, जब तमाम नियुक्तियां आउटसोर्स पर की जा रही हैं तो फिर एक नियुक्ति संविदा पर करने का औचित्य क्या है। या तो सभी नियुक्तियां संविदा पर हों या फिर इसे तुरंत निरस्त किया जाए। इस संबंध में बैंक महाप्रबंधक/सचिव वंदना श्रीवास्तव से बात नहीं हो पाई। उनका पक्ष प्राप्त होने पर उसे भी प्रकाशित किया जाएगा।
अत्याधिक कमी, लेकिन भर्ती एक पद पर
जिला सहकारी बैंक में चतुर्थ श्रेणी के ही करीब 60 पद खाली चल रहे हैं। इसके अलावा तृतीय श्रेणी के भी कई पद हैं। बैंक यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि काफी पद खाली होने के बावजूद अनुमति सिर्फ एक पद के लिए लिया जाना सवाल खड़ा करता है।
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इस एक नियुक्ति को भी आउटसोर्स पर नहीं किया गया, बल्कि संविदा पर किया गया है, जबकि बैंक में सात-आठ साल से लगातार काम कर रहे कई कर्मचारियों को आउटसोर्स पर ही लिया गया है। पदाधिकारियों का इस बात पर भी एतराज है कि संविदा के इस पद के लिए कोई विज्ञप्ति नहीं निकाली गई।