नीतीश की इस मांग से मोदी को खतरा, पलट जाएगी बाजी

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के करीब आने के साथ ही आरक्षण को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। एक तरफ जहां केंद्र सरकार ने सवर्ण गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए लिए बिल को संसद में पास कराया तो अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एसी, एसटी और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर नई बहस छेड़ दी है।

नीतीश कुमार ने एससी और एसटी वर्ग के आरक्षण की फिर से समीक्षा किए जाने की मांग की है। नीतीश कुमार ने कहा कि इन वर्ग के आरक्षण को फिर से बढ़ाए जाने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग की आबादी लगातार पिछले समय में बढ़ी है लेकिन इनको दिए जाने वाले आरक्षण सिर्फ 50 फीसदी ही है। इस वर्ग का आंकड़ा हमारे पास सिर्फ 1931 का है। ऐसे में इस परिस्थिति में जरूरत है कि जातिगत जनगणना की जाए जिससे कि इस वर्ग की समस्या का समाधान किया जा सके।

नीतीश कुमार ने कहा कि जातिगत जनगणना से इन तीनों ही वर्ग की समस्या का फिर से बेहतर आंकलन किया जा सकता है और इसका समाधान किया जा सकता है।

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बिहार में एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के आरक्षण की बात करते हुए नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बिहार में आरक्षण कर्पूरी ठाकुर द्वारा दिया गया था, उन्होंने ही पिछड़ा वर्ग को दो श्रेणी में बांटा था, एक वर्ग अति पिछड़ा था और दूसरा पिछड़ा। केंद्र सरकार से नीतीश कुमार ने मांग की है कि हम चाहते हैं कि इसी तरह से एक बार फिर वर्गीकरण किया जाए और लोगों को आरक्षण दिया जाए।

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