500 साल पुराने इस बरगद के पेड़ को क्यों कहा जाता है ‘मौत का पेड़’, कारण है बेहद खौफनाक…

बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने से साफ हो गया कि सभी की मौत फंदे से लटककर हुई। वहीं, मंगलवार को एक नया खुलासा हुआ कि ललित दिमागी रूप से कमजोर था और बड़ पूजा (अनुष्ठान) के बहाने उसने पत्नी के साथ मिलकर सभी की जान ली।

500 साल पुराने इस बरगद के पेड़ को क्यों कहा जाता है 'मौत का पेड़'

इसके अलावा घर से बरामद रजिस्टर में और भी कई बातें सामने आई हैं। इसमें बड़ पूजा के बारे में भी लिखा है, जिसके अनुसार लटके हुए शव बरगद की जड़ों जैसे दिखने की बात कही है। ऐसे में हम आपको बरगद के एक ऐसे पेड़ के बारे में बता रहे हैं, जो मौत का पेड़ कहलाता है।

जड़े काटते ही हो जाती है शख्स की मौत

पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिल के चरोटी कलां गांव में एक एेसा बरगद है, जिसे लोग मौत का पेड़ कहते हैं। इस पेड़ की जड़ें जिस खेत में जाती हैं वहां किसान खेती बंद कर देते हैं।

मान्यता है कि अगर कोई इस पेड़ की जड़ें काटता है या फिर पेड़ के साथ कुछ छेड़छाड़ करता है तो उसकी या उसके परिवार के किसी न किसी सदस्य की मौत हो जाती है।

500 साल पुराना है मौत का ये पेड़

जानकारी के मुताबिक, बरगद का यह पेड़ करीब 500 साल पुराना है। ये लगातार बढ़ रहा है।

बताया जाता है कि एक किसान के अपने खेत में फैली इस पेड़ के जड़ें काट दी थीं, इसके कुछ दिन बाद ही उसकी मौत हो गई।

ऐसे कई मामले सामने आने के बाद गांव वालों ने पेड़ से दूरी बना ली और जहां भी पेड़ की जड़ें पहुंचती हैं वह जमीन छोड़ दी जाती है।

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ऐसी  है मान्यता

बता दें, बरगद के इस पेड़ के पास एक शिव मंदिर है। गांव वालों का कहना है कि सैकड़ों साल पहले इस जगह पर एक संत आए थे। उन्हों संतान प्राप्ति के लिए एक किसान को भस्म दी थी। उसकी पत्नी ने से इसे खाने से मना कर दिया।

उस किसान ने यह भस्म संत को लौटाना चाहा तो संत ने भस्म लेने से मना कर दिया। किसान ने भस्म को जमीन पर रख दिया।

कहते हैं इसी स्थान पर एक बरगद का पौधा उग आया जो सदियों से विराट रूप धारण करता जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि यहां पर सच्चे मन मन्नत करने पर इंसान की हर मुराद पूरी होती है।

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