अटल जी को भी था इस चीज से बेहद प्यार, जिसे जानकर आप रह जाएंगे हैरान…

भांग का नाम सुनते ही सबसे पहले हमारे दिमाग में नशे का ख्याल आता है और यह काफी हद तक स्वाभाविक भी है क्योंकि अकसर लोग भांग का सेवन नशा करने के उद्देश्य से ही करते हैं।

हालांकि आज हम आपको भांग के अन्य अनेक ऐसे उपयोग के बारे में बताएंगे जिसके बारे में आपने शायद पहले कभी नहीं सुना होगा। सबसे पहले बता दें कि हमारे देश में भांग का उपयोग सदियों से होता आ रहा है।

अटल जी को भी था इस चीज से बेहद प्यार

वैसे तो भांग के पौधे अपने आप कहीं भी उग जाते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में यह अधिक मात्रा में पाई जाती है।

जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि भांग के सेवन से इंसान अपनी इंन्द्रियों से संतुलन खो देता है, लेकिन इसका सही डोज कई बीमारियों से बचा सकती है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि इसकी पुष्टि विज्ञान भी कर चुका है।

सबसे पहले बता दें कान के दर्द में भांग अत्यन्त उपयोगी है। भांग के 8-10 बूंद रस को कान में डालने से कीड़े मरते हैं और इसके साथ ही कान दर्द से राहत मिलती है। अगर चाहें तो भांग के पत्तों के रस में रूई को भिगोकर इसे कान में दबाकर भी लगा सकते हैं।

साल 2013 में वर्जीनिया की कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने यह साबित कर दिखाया कि गांजे में कुछ ऐसे तत्व भी पाए जाते हैं जो एपिलेप्सी अटैक को टाल सकते हैं। रिसर्चरों द्वारा किया गया यह शोध साइंस पत्रिका में भी छपा था।

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मधुमेह से पीड़ित ज्यादातर लोगों के हाथ या पैरों की तंत्रिकाओं में दिक्कत आती है ऐसे में शरीर के कुछ हिस्से में जलन का अनुभव होता है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में एक बार एक रिसर्च में यह बात सामने आई कि भांग नर्व डैमेज होने से उठने वाले दर्द में आराम देती है।

बता दें कि भांग एक एंटी इंफ्लेमेटरी पौधा होने के कारण इसके पत्‍तों को लगाने से गठिया को कम करने मे मददगार है।

नेशनल आई इंस्टीट्यूट आॅफ अमरीका के मुताबिक भांग ग्लूकोमा के लक्षणों को खत्म करने में भी कारगर है।

साल 2015 में अमरीका की आॅफिशियल वेबसाइट cancer.org के अनुसार भांग में उपस्थित कैनाबिनॉएड्स तत्व कैंसर कोशिकाओं को मारने में सक्षम हैं। बता दें, जिन कोशिकाओं की मदद से ट्यूमर का विकास होता है, कैनाबिनॉएड्स उनकी वृद्धि को रोक देता है।

कैनाबिनॉएड्स का उपयोग कोलन कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और लिवर कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है।

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कीमोथोरैपी के साइड इफेक्ट्स जैसे, नाक बहना, उल्टी और भूख न लगना दूर इत्यादि को भांग से दूर किया जा सकता है और यह बात कई रिसर्च में साबित हो चुकी है।

नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों के मुताबिक भांग स्ट्रोक की स्थिति में दिमाग को नुकसान से बचाती है। यह स्ट्रोक के हानिकारक प्रभाव को दिमाग के कुछ ही हिस्सों में सीमित कर देती है।

इन सबके अलावा भी भांग के कई सारे अन्य फायदे भी हैं, लेकिन यह तभी फायदेमंद है जब आप इसे सही मात्रा में लेते हैं। वर्ना यह आपको नुकसान पहुंचा सकती है। इसीलिए किसी विशेषज्ञ या आयुर्वेद के जानकर के सलाह से ही इसका सेवन करें।

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