
लंदन। करोड़ों रुपये की बैंक धोखाखड़ी के मामले में वांछित भगोड़े शराब व्यापारी विजय माल्या ने बुधवार को दावा किया कि 2016 में भारत छोड़ने से पहले उसने वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी। माल्या ने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर पत्रकारों से कहा, “मेरी जेनेवा में एक बैठक प्रस्तावित थी। भारत छोड़ने से पहले मैंने वित्तमंत्री से मुलाकात की थी..बैंकों के साथ मामला निपटाने का अपना प्रस्ताव मैंने दोहराया था। यह सच है।”
माल्या इस अदालत में भारतीय अधिकारियों द्वारा दाखिल प्रत्यर्पण मामले का सामना कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि माल्या ने दो मार्च, 2016 को भारत छोड़ दिया था। उसने दावा किया कि भारत की दो बड़ी पार्टियां भाजपा और कांग्रेस उसे पसंद नहीं करती हैं।
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उसने कहा, “मैं एक राजनीति फुटबॉल हूं..जहां तक मेरा सवाल है, मैंने कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष समग्र अदायगी प्रस्ताव दिया है। मुझे उम्मीद है कि सम्मानीय न्यायाधीश इसपर ध्यान देंगे।”
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपने बकाए राशि को चुकाएंगे? माल्या ने कहा, “निश्चित तौर पर, इसलिए समाधान प्रस्ताव दिया गया है।”उसने कहा कि बैंकों ने उसके समाधान प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
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9000 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी मामले में वांछित माल्या ने कहा कि उसने कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष कोई दया याचिका दाखिल नहीं की है।
माल्या ने कहा, “मैंने कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष लगभग 15,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है। मैं बलि के बकरे जैसा महसूस कर रहा हूं। दोनों राजनीतिक पार्टियां मुझे पसंद नहीं करती हैं।”