उत्तराखंड हाईकोर्ट ने फतवो को किया बैन, मुस्लिम धर्मगुरूओं ने किया समर्थन
रिपोर्ट- अर्सलान समदी
लखनऊ। उत्तराखंड के लक्सर में पंचायत द्वारा सुनाए गए अजीबोगरीब फरमान का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है कि अब राज्य में कोई भी फतवा या फरमान मान्य नही होगा इसके साथ ही फतवो पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है।
वहीं उत्तर प्रदेश में उलमाओ ने भी उत्तराखंड हाइकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। जहाँ शिया धर्म गुरु मौलाना सैफ अब्बास का कहना है कि फतवे की एक अहमियत होती है उसके ज़रिये लोगो को दीन और हदीस की रोशनी में मामलों की जानकारी दी जाती है लेकिन कुछ वक्त से देखा जा सकता है कि फतवो की बाढ़ सी आगई है आजकल हर बात पर एक फतवा मांग लिया जाता है।
दूसरी ओर शहर काज़ी मुफ़्ती ईरफान मियां का कहना है कि फतवो से लोगो के बीच के मामले हल करा लिए जाते है लेकिन आजकल लोग फतवो से खिलवाड़ कर रहे है उन्हें इंटरनेट के माध्यम से राजनीतिक रंग दे दिया जा रहा है। फतवे से कोर्ट का बोझ भी हल्का होता है क्योंकि एक मुफ़्ती फतवे के ज़रिए लोगों के मामले हल करा देता है लिहाज़ा कोर्ट को राजनीतिक फतवो पर बैन लगाना मुनासिब है।
यह भी पढ़े: सीतापुर गांव में फैला संक्रामक रोग, सैकड़ो लोग बीमार, नहीं खुल रही है स्वास्थ्य महकमे की नींद
आपको बता दे उत्तराखंड हाई कोर्ट ने प्रदेश में हर प्रकार के फतवे पर बैन लगा दिया है। हाई कोर्ट ने धार्मिक संस्थानों, संगठनों, पंचायतों के द्वारा जारी फतवो पर रोक लगा दी है।