दुनिया का कड़वा सच आज भी यह सब चीजें हैं ‘पवित्र’

हिंदू धर्म में काफी सारी चीजों को अपवित्र होते हुए भी पवित्र माना गया है। या यूं कहूं कि वह सब चीजें प्रत्यक्ष रूप से तो पवित्र दिखती है लेकिन वास्तव में पवित्र होती नहीं है। आज हम आपको ऐसी ही कई चीजों से रूबरू कराएंगे जो दिखने में तो पवित्र है लेकिन अपवित्र हैं।

पवित्र

गाय का दूध

गाय के दूध को सबसे पवित्र माना गया है। लेकिन गाय के दूध को भी सबसे पहले उसका बछडा पीकर झूठा करता है। तब ही वह मानव हित के लिए पीने योग्य होता है। साथ ही इसका उपयोग देवी-देवताओं के अभिषेक के लिए किया जाता है और दूध से खीर और घी बनाते हैं जिनको नैवेद्य के रुप में भगवान को चढ़ाया जाता है।

शहद

मधुमख्खी जब फूलों का रस ले कर अपने छत्ते पर आती है तब वो अपने मुख से उसे निकालती है यानी उस रस की उल्टी करती है। जिससे शहद बनता है और उसे फिर भी पवित्र माना जाता है। शहद का उपयोग मांगलिक कामों में किया जाता है। पांच अमृतों में शहद को भी  एक माना गया है।

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रेशमी वस्त्र

रेशमी कपड़ों को भी बहुत पवित्र समझा गया है। कोई भी पूजा-पाठ का काम हो तो यह कपड़ा सबसे उपयोगी समझा गया है। हर मांगलिक कार्य में यही कपड़ा इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन रेशम को बनाने के लिए रेशम के कीड़े को मरने की आवश्यकता होती है। रेशम बनाने के लिए उसको पहले गर्म पानी में उबाला जाता है। उसमें रहने वाला रेशम का कीड़ा मर जाता है। उसके बाद ही रेशम प्राप्त किया जाता है। फिर भी रेशम पवित्र है।

पक्षी

पक्षी पेड़ो पर बैठते हैं फिर उसके फलों को खाते हैं। बाद में अपने मल के जरिए ही इधर-उधर अपने मल के रूप में बीज को छोड़ देते हैं। बाद में इन्हीं बीज से पेड़ तैयार होता है। पीपल भी काक विष्ठा यानी कौए के मल में निकले बीजों से पैदा होता है। फिर भी इसको पवित्र माना गया है। पीपल पर देवताओं का वास माना जाता है। पीपल के पत्तों की कई धार्मिक कार्यों में पूजा की जाती है।

 

 

 

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