हो जाइये होशियार! जानिए सीवियर डेंगू के लक्षण और बचाव
मानसून के मौसम में कई तरह की बीमारियां दस्तक देने लगती है। यह बीमारियां बाहर बिकने वाले खाने और साफ-सफाई के न होने की वजह से होती है। इन्हीं बीमारियों में से एक है डेंगू की बीमारी। डेंगू मच्छर के काटने से फैलने वाला एक वायरल रोग है। डेंगू का सामान्य बुखार थोड़े इलाज और थोड़ी सावधानी से ठीक किया जा सकता है मगर कई बार डेंगू का बुखार खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। आइये इस बीमारी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
डेंगू हैमरहेजिक फीवर और डेंगू शॉक सिंड्रोम को सीवियर या डेंगू माना जाता है। इस तरह के डेंगू का अगर सही समय पर इलाज न किया जाए, तो मरीज की जान भी जा सकती है।
सीवियर डेंगू बच्चों और बड़ों दोनों को हो सकता है मगर आमतौर पर इसका खतरा बच्चों को ज्यादा होता है। सही समय पर सही इलाज के द्वारा सीवियर डेंगू के मरीजों को बचाया जा सकता है।
लक्षण
शरीर से खून का निकलना
पेशाब और मल के साथ खून निकलना
मानसिक स्थिति खराब होना
शरीर में सूजन होना
शरीर से प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से गिरना
पेट में भयानक दर्द
सांस लेने में दिक्कत
जल्दी-जल्दी उल्टी होना
उल्टी के साथ खून आना
शरीर में पानी भरने लगना
मसूड़ों और नाक से खून निकलने लगना
लिवर में सूजन
प्लेटलेट्स का बहुत तेजी से गिरना
सुस्ती और बेचैनी होना
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सीवियर डेंगू क्यों है खतरनाक
इस तरह के डेंगू में कई तरह के लश्रण होते हैं। इस बीमारी में शरीर के कई हिस्सों से खून निकलने लगता है। और इस खून के माध्यम से ब्लड प्लाजमा शरीर से बाहर आने लगता है। इस डेंगू में बुखार लिवर, फेपड़ों और दिल तक भी पहुंच जाता है। इस बीमारी से कई लोगों में ब्लड प्रेशर तक की परेशानी होने लगती है। जिस कारण से उनकी मौत हो जाती है।
इलाज
डेंगू से बचाव ही इसका इलाज है।
अपने आस-पास सफाई रखें।
ज्यादा से ज्यादा मात्रा में करह पदार्थों का सेवन करें।
खून और प्लेटलेट्स चढ़ाना।
शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए नसों के सहारे फ्लुइड पहुंचाना।
अगर मरीज को सांस लेने में तकलीफ है, तो ऑक्सीजन थैरेपी देना।
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बचाव
घर के आस पास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
ज्याद दिनों तक बुखार हो तो डॉक्टर को दिखाएं।
मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
डेंगू से बचने के लिए मच्छरों से बचना बहुत ज़रूरी है जिनसे डेंगू के वायरस फैलते हैं ।
प्लास्टिक बैग, कैन ,गमले, सड़को या कूलर में पानी जमने न दें।
बदलते मौसम में बाहर के खाने-पीने और कहीं सफर करने से बचें।