योगी के मंत्री ने पर्सनल लॉ बोर्ड के इस फैसले पर कहा कि ‘एक देश में दो कानून नहीं हो सकते’

रिपोर्ट- विजय मुंडे

मुजफ्परनगर। पिछले कई दिनों से देश के हर जिले में शरिया अदालत खोले जाने की हिमायत को लेकर एक बार फिर चर्चा में आये ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर तीखा प्रहार करते हुए  उत्तर प्रदेश के अल्पसंखयक कल्याण मंत्री  लक्ष्मी नारायण चौधरी ने अपने बयान  में इस अदालत को एंटी नेशन कह कर एक बार फिर हवा दे दी है।

मंत्री

दरअसल मुज़फ्फरनगर के धर्मनगरी शुक्रताल में एक निजी प्रोग्राम में भाग लेने पहुंचे मंत्री जी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ये अदालत औरतों की बेइज्जती करती है और वो इसका विरोध करते है।

मंत्री के अनुसार शरीयत अदालत 1937 में जब शुरू हुई थी। जिस समय भारत गुलाम था और अंग्रेजों का राज था। अंग्रेजों की पॉलिसी थी डिवाइड एंड रूल पॉलिसी वो इस देश के हिन्दू और मुस्लिम समाज को बांटना चाहते थे। शरीयत अदालत में महिलाओं के अपमान और राष्ट्रीय विरोधी, राष्ट्रीय विकास में बाधक है इसलिए यह उचित नहीं है। साथ ही एक देश में दो कानून कैसे हो सकते है।

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मंत्री ने कहा शरीयत अदालत कट्टरपंथियों का नारा है। बाकि शरीयत अदालत का कोई मतलब नहीं है और हम इसका पूरी तरह से विरोध करते है।

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