अधिकारियों की लापरवाही से प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण योजना बनी मजाक !
रिपोर्ट- अभिषेक
लखनऊ। भले ही सरकार नगर पंचायतों को विकसित करने के साथ साथ स्वच्छ रखने के लाख दावे कर रही हो लेकिन सरकार के इन दावों को उनके ही जिम्मेदार अधिकारी जमकर पलीता लगा रहे हैं और सरकार की स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौच मुक्त जैसी महत्वपूर्ण योजना को राह भटका रहे हैं जिसका खमियाजा गरीब तबके के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री की महत्वकांक्षी योजना खुले में शौच मुक्त को इन दिनों राजधानी लखनऊ के नगराम नगर पंचायत के अधिकारी जमकर राह भटका रहे हैं।यहां पर लोगों को शौचालय बनवाने के लिए उनके घरों में पांच माह पूर्व गड्ढे तो खुदवा दिए गए लेकिन उनको बनाने के लिए बजट नहीं दिया गया जिससे लोगों के दरवाजे के सामने खुदे पड़े गड्ढे हादसों का सबब बनने लगे हैं। शौचालय के लिए खुदे पड़े अधूरे गड्ढो में मवेशी या फिर घर के नैनिहाल बच्चे गिरकर चोटिल हो रहे हैं।
परेशान होकर कई बार लोगों ने नगर पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत भी की लेकिन अधिकारियों की तरफ से शौचालय पूरा करने के लिए कोई भी कवायद नहीं की गई अधिकारियों के इस लापरवाह रवैये को देखते हुए लोग अब अपने अधूरे पड़े गड्ढे बंद करने लगे हैं और खुले में शौच जाने को मजबूर है।
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वहीं अब ऐसे में देखने वाली बड़ी बात होगी की खुले में शौच मुक्त जैसी सरकार की महत्वपूर्ण योजना को जिम्मेदार अधिकारी जिस तरह से पलीता लगा रहे हैं ऐसे लापरवाह अधिकारियों पर सरकार क्या कार्रवाई करती है जिससे शौचालयों का सही निर्माण हो सके और लोग उसका प्रयोग कर सकें।