कर्नाटक में बीजेपी की घर वापसी के लिए गरजे मोदी, टारगेट फिर वही ‘60 साल’
बेंगलुरू: कांग्रेस से कर्नाटक का किला छीनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से राज्य में धुंआधार चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। प्रधानमंत्री 5 दिनों में 15 जनसभाएं संबोधित करेंगे। कर्नाटक की जनता को संबोधित करने की शुरूआत पीएम मोदी ने चामराजनगर से कर दी है।
चामराजनगर में प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत कन्नड़ भाषा में की। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली में कर्नाटक की चुनाव की खबरें आती हैं कि बीजेपी की हवा चल रही है, आज मेरी पहली जनसभा है और ऐसा लग रहा है कि कर्नाटक में बीजेपी की आंधी चल रही है। PM ने कहा कि आज मजदूर दिवस है, मेहनत करने वालों लोगों ने ही इस देश को बनाया है।
उन्होंने कहा कि 28 अप्रैल की तारीख देश के इतिहास में दर्ज हो गई है क्योंकि अब पूरे देश के सभी गांवों में बिजली पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि जिन 18000 गांवों में बिजली नहीं थी, अब वहां पर बिजली पहुंच गई है। हमारे कांग्रेस के नए अध्यक्ष अतिउत्साह में कभी-कभी अपनी मर्यादा तोड़ देते हैं। अगर उनके मुंह से देश के मजदूरों के लिए अच्छे शब्द निकलते तो अच्छा होता। पीएम ने कहा कि अब हमारा लक्ष्य हर घर में बिजली पहुंचाना है।
पीएम मोदी के शेड्यूल पर एक नजर
- पहली बैठक में चामराजनगर, मैसुरू,और मांड्या जिलों को कवर करेंगे। इन तीनों जिलों में 22 विधानसभा सीटें हैं और उड़ुपी तथा चिक्कोड़ में जनसभाओं को संबोधित करेंगे।
- अपने पहले चरण में कुल 48 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेंगे।
- तीन मई को आकर कालाबुर्गी, बल्लारी और बेंगलुरू में तीन जनसभाओं को संबोधित करेंगे जिनमें 47 विधानसभा सीटें हैं।
- तीसरे चरण के प्रचार में वह तुमकुर, शिवमोगा और गाडग में 49 विधानसभा सीटों पर प्रचार करेंगे।
Looking forward to being in Karnataka today. I will be addressing three rallies across the state. @BJP4Karnataka https://t.co/6X8rE9jkkL
— Narendra Modi (@narendramodi) May 1, 2018
प्रधानमंत्री इस दौरान भाजपा को वोट देने के फायदों की जानकारी मतदाताओं को देंगे और विकास भी एक अहम मसला रहेगा जिस पर वह चर्चा कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य की सिद्धारमैया सरकार की कमियों और भ्रष्टाचार को भी एक अहम मुद्दे के तौर पर पेश किया जा सकता है।
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उन्होंने हाल ही में पार्टी कार्यकर्त्ताओं को सीख दी है कि वे राजनीतिक विरोधियों की नकारात्मक बातों पर अधिक ध्यान देने के बजाए केन्द्र सरकार की विकासात्मक उपलब्धियों को मतदाताओं के सामने लाने का प्रयास करें।