
फिल्म– बेयॉन्ड द क्लाउड्स
रेटिंग– 3.5
सर्टिफिकेट– U/A
स्टार कास्ट– ईशान खट्टर,मालविका मोहनन,तनिष्ठा चैटर्जी,गौतम घोष
डायरेक्टर– माजिद मजीदी
प्रोड्यूसर– जी स्टूडियोज, आईकैंडी फिल्म्स प्रइवेट लिमिटेड
अवधि – 2 घंटा
म्यूजिक– ए आर रहमान
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कहानी– बेयॉन्ड द क्लाउड्स की कहानी भाई-बहन आमिर और तारा की है। मां-बाप के निधन के बाद तारा कभी आमिर को उनकी कमी का एहसास नहीं होने देती है। लेकिन इनकी जिंदगी सिर्फ इन दोनों तक ही सीमित नहीं रहती है। तारा का शराबी पति दोनों की जिंदगी में हर दिन नए नए तूफान लाता रहता है। वह न केवल तारा को मारता बल्कि उसके भाई आमिर से भी मार-पीट करता है। ऐसे में एक दिन ऊब कर गुस्से में आमिर घर छोड़कर भाग जाता है।
इसेक बाद चीजें ठीक नहीं होती हैं बल्कि बद से बदतर हो जाती हैं। एक ओर आमिर गलत संगति में पड़ जाता है। वहीं दूसरी ओर तारा खून के इल्जाम में जेल चली जाती है। असल में तारा के घर के पास धोबी घाट पर एक 50 साल का व्यक्ति अर्शी उसपर गंदी नजर रखता है। एक दिन वक्त का फायदा उठाते हुए वह तारा के साथ जबरदस्ती करने लगता है तो खुद के बचाव में वह उसके सिर पर पत्थर दे मारती है जिससे वह मर जाता है।
आमिर को जब उसकी बहन के बारे में पता चलता है वह उसे जेल से निकालने की कोशिश में जुट जाता है। इसके बाद कहानी में कई ट्विस्ट एंड टर्न आते है। तारा जेल से छूटती है कि नहीं, अंत में आमिर और तारा खुशहाल जिंदगी जी पाते हैं या नहीं ये जानने के लिए आपको सिनेमाहॉल जाना पड़ेगा।
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एक्टिंग– विदेशी डायरेक्टर के साथ ऐसी फिल्म करके देश विदेश के क्रिटिक्स का दिल जीत कर ईशान खट्टर ने साबित कर दिया कि उनके खून में एक्टिंग है। करियर की पहली फिल्म और ऐसा किरदार निभाकर उन्होंने लोगों को यह मानने पर मजबूर कर दिया कि वह एक अच्छे एक्टर है। सिर्फ एक्टिंग ही नहीं अपने भाई शाहिद कपूर की तरह वह एक वर्सेटाइल डांसर भी है। फिल्म के सीन में जब वह शैडो डांस करते हैं उनके मूवमेंट बहुत गजब के हैं। दूसरी ओर मलयालम ऐक्ट्रेस मालविका मोहनन ने भी अपने किरदार को बखूबी निभाया है।
डायरेक्शन– फिल्म का डायरेक्शन अच्छा है। ईरानी डायरेक्टर माजिद मजीदी आमतौर पर ऐसी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। वह अक्सर ऐसी कहानियां पर्दे पर उतारते आए हैं। उनकी यह फिल्म काफी हद तक 90 के दशक की ‘चिल्ड्रन ऑफ हेवन’ की याद दिलाती है। हालांकि यह फिल्म उससे अलग है। बेयॉन्ड द क्लाउड्स की सिनेमेटोुग्राफी की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। स्लम की सकरी गलियों को कैमरे में बहुत खूबसूरती से कैद किया गया है। यह एक फिल्म नहीं हकीकत बनकर पर्दे पर नजर आती है।
म्यूजिक – एआर रहमान के द्वारा दिया गया म्यूजिक फिल्म की कहानी पर पूरी तरह सटीक बैठता है।
देखें या नहीं– ‘बियॉन्ड द क्लाउड्स’ एक अलग जॉनर की फिल्म है। मेलो ड्रामा, एक्शन और हंसी मजाक से हटकर अगर आपकेा क्वालिटी फिल्म देखने पसंद है तो इसे देखने से बिल्कुल न चूकें।