मोदी को मात देने के लिए दीदी संभाल सकती हैं तीसरे मोर्चे की कमान

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज दिल्ली पहुंची हैं। उनके आने का मकसद साफ़ है। दरअसल वो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार से मुलाकात करेंगी। उनकी इस मुलाकात को तीसरे मोर्चे की नीव के रूप में देखा जा रहा है।

ममता बनर्जी

बता दें कुछ दिन पहले टीआरएस नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कोलकाता जाकर ममजा बनर्जी से मुलाकात की थी। इसके बाद से ही तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट तेज़ हो गई थी।

अगर आंकड़ों पर नज़र डालें तो ममता बनर्जी मजबूत स्थिति में नज़र आ रही हैं। लोकसभा में तृणमूल के 34 सांसद हैं और बीजेपी, कांग्रेस, अन्नाद्रमुक के बाद उनकी पार्टी का ही स्थान है।

गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने बिहार उपचुनाव में राजद की जीत पर लालू को ट्वीट कर बधाई दी थी। इसके अलावा राज्यसभा चुनाव में हार के बाद मायावती के सपा-बसपा के गठबंधन को अटूट बताने पर ममता की सधी प्रतिक्रिया आयी थी।

साफतौर पर ममता अगर खुद को विपक्ष के नेता के तौर पर प्रोजेक्ट कर रही हैं तो ये कोई अचम्भे वाली बात नहीं है।

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बता दें पश्चिम बंगाल में 294 सदस्यीय विधानसभा में टीएमसी के 213 सदस्य हैं।

दरअसल, ममता बनर्जी की योजना गैर-कांग्रेसी और गैर-बीजेपी संयुक्त मोर्चा बनाकर स्वयं उसका प्रतिनिधित्व करना है। ऐसे में ममता बनर्जी अपने लिए सभी विकल्प खुले रखना चाहती हैं।

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यदि ममता बनर्जी के राजनीतिक करियर पर नज़र डालें तो उनके पास शानदार अनुभव भी है। वह केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल चुकी हैं। ऐसे में उनका दावा मजबूत होता दिखाई दे रहा है।

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