कभी खत्म नहीं होगी दुनिया, अंतरिक्ष में वैज्ञानिकों ने खोजी ‘धरती’

नई दिल्ली। जापान के टोक्यो इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने 15 नए ग्रहों की खोज की है, जिसमें से तीन को सुपर अर्थ कहा जा रहा है। वैज्ञानिकों ने इन तीन सुपर अर्थ में से एक ग्रह पर पानी मौजूद होने की संभावना जताई है। इससे पहले भी वैज्ञानिक सुदूर अंतरिक्ष में मौजूद कुछ ग्रहों पर पानी होने की संभावना जता चुके हैं।सुपर अर्थ

जापान स्थित टोक्यो इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने इस शोध के लिए नासा के केपलर अंतरिक्ष यान के दूसरे मिशन ‘के 2’, हवाई स्थित सुबारु टेलीस्कोप और स्पेन स्थित नॉरडिक ऑप्टिकल टेलीस्कोप से जुटाए गए आंकड़ों का अध्ययन किया था। इसके बाद इन आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद इन ग्रहों की खोज की गई, जिसके लिए उन्हें कई अत्याधुनिक उपकरणों की भी मदद लेनी पड़ी।

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वहीं शोधकर्ता टेरुयुकी हिरानो का कहना है कि लाल तारों के अध्ययन से भविष्य में एक्सोप्लैनेट से जुड़ी रोचक जानकारियां मिल सकती हैं। इनके अध्ययन से ग्रहों के विकास संबंधी कई रहस्य उजागर हो सकते हैं। इस शोध में तीन ऐसे ग्रह खोजे गए थे जिन्हें सुपर अर्थ कहा जा रहा है। ये ग्रह पृथ्वी से 200 प्रकाश वर्ष दूर स्थित के2-155 तारे का चक्कर लगा रहे हैं। ये तीनों पृथ्वी से आकार में बड़े हैं।

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वैज्ञानिकों का मानना है ये सभी ग्रह लाल रंग के बौने तारों का चक्‍कर लगा रहे हैं। लाल तारे आकार में सामान्‍य तौर पर छोटे और अधिक ठंडे होते हैं। लाल तारों के अध्‍ययन से भविष्‍य में एक्‍सोप्‍लैनेट से जुड़ी रोचक जानकारियां मिल सकती हैं। इनके अध्‍ययन से ब्रह्मांड में मौजूद ग्रहों के विकास संबंधी जानकारियां जुटाई जा सकती हैं।

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