
नई दिल्ली। देश में सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की मुंबई स्थित एक शाखा में 1.8 अरब डॉलर घपला उजागर होने पर गुरुवार को बैंक के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुनील मेहता ने कहा कि धोखाधड़ी में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, राजनीतिक दलों के नेता धोखाधड़ी के इस मामले को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में जुटे रहे।
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सुनील मेहता ने आनन-फानन में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में संवाददाताओं से कहा, “हम स्वच्छ बैंकिंग के लिए जाने जाते हैं। धोखाधड़ी 2011 में शुरू हुई। जैसे ही हमें पता चला, हमने तुरंत नियामकीय व कानून को लागू करने वाली एजेंसियों को इसकी जानकारी दी। इस धोखाधड़ी में शामिल किसी को भी हम नहीं बख्शेंगे।”
इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को पीएनबी घपले के मुख्य आरोपी अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी के मुंबई, सूरत और नई दिल्ली स्थित दफ्तरों, शोरूम और वर्कशॉप पर छापेमारी की। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) घोटाले की लगभग आधी रकम जब्त करने में सफल रहा है। गुरुवार देर शाम तक आरोपियों की 5,100 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी थी। पूरा घोटाला 11,400 करोड़ रुपये का है। ईडी की कोशिश आरोपियों की अधिक-से-अधिक संपत्ति जब्त कर घोटाले की रकम बरामद करने की है।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, आरोपियों के मुंबई, सूरत, जयपुर, दिल्ली और हैदराबाद स्थित 17 ठिकानों पर छापे मारे गए। छापे के दौरान कुल 5,100 करोड़ रुपये मूल्य के गहने, सोना और हीरे जब्त किए गए। 5,100 करोड़ रुपये इनकी बुक वैल्यू है।
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रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 11,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी यूपीए सरकार के दौरान हुई। रक्षामंत्री ने कहा कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी समेत जो भी इस धोखाधड़ी शामिल हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “यह यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार के समय हुआ था। दरअसल, हमने इसे प्रकाश में लाया। निश्चित रूप से इसमें कार्रवाई होगी।”
निर्माला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार यूपीए के एक के बाद एक घोटाले को उजागर कर रही है।