अयोध्या विवाद : AIMPLB को रास नहीं आया मौलाना नदवी का फॉर्मूला, हो गए बर्खास्त
नई दिल्ली: अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद को आपस में सुलझाने की पैरवी करने वाले मौलाना सैयद सलमान हुसैनी नदवी को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने बर्खास्त कर दिया है। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का समर्थन किया था और मस्जिद को दूसरी जगह शिफ्ट करने का फॉर्मूला सुझाया था।
दरअसल मौलाना नदवी को मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने शुक्रवार को हैदराबाद में सलाह दी थी कि बोर्ड के विरुद्ध जाकर कोई भी ऐसी बात न करे, जिससे मुसलमानों के बीच मस्जिद को लेकर गलत सन्देश पहुंचे। लेकिन मौलाना नदवी ने बोर्ड की सभी बातों को ख़ारिज करते हुए उन्होंने आपस में बातचीत की सिफारिश की जो मुस्लिम बोर्ड को रास नहीं आई, जिसके चलते उनको बर्खास्त कर दिया गया।
Committee announced AIMPLB Board will continue with its old stand that Mosque cannot be gifted, sold or shifted. Because Salman Nadwi has gone against this unanimous stand, he has been expelled: Qasim Ilyas (AIMPLB member) on Salman Nadwi pic.twitter.com/VsU6GmD6e0
— ANI (@ANI) February 11, 2018
उल्लेखनीय है कि बोर्ड के सदस्य सलमान हुसैन नदवी ने मुस्लिम पक्षों पर रविवार को आरोप लगाया था कि कमाल फारूकी और क़ासिम रसूल इलियास ने उनके साथ बदतमिजी की। उन्होंने कहा था कि बैठक में ऐसा लग रहा था कि जैसे कुछ लोग पहले से ही हंगामे की योजना बना कर आए थे।
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साथ ही उन्होंने ने कहा था कि हंबली मसलक के मुताबिक, मस्जिद दूसरी जगह शिफ्ट की जा सकती है। हम मस्जिद में बुत नहीं रख रहे, बल्कि मस्जिद शिफ्ट करने की बात कर रहे हैं। ये देश और मुसलमान दोनों के हित में है। साथ ही उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर देश में बड़े दंगे कराने की साजिश रचने का आरोप भी लगाया था।
वहीं बोर्ड के सदस्य कासिम इलयास ने मौलाना नदवी को निकाले जाने की जानकारी देते हुए रविवार को पत्रकारों से कहा, कि समिति ने ऐलान किया कि AIMPLB अपने पुराने रुख पर कायम रहेगा और मस्जिद को न तो गिफ्ट किया जा सकता है, न बेचा जा सकता है क्योंकि सलमान नदवी इस एकमत रुख के खिलाफ गए, इसलिए उनको बोर्ड से निकल दिया गया है।
रविशंकर के कोशिशों पर कहीं फिर न जाए पानी!
आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर की कोशिशों को मुस्लिम वक्फ बोर्ड के आपस में विवाद हो जाने के बाद अब माना जा रहा है कि श्री श्री का मुस्लिम मौलानाओं व् संतों के साथ अयोध्या में होने वाली बैठक कहीं रद्द ना हो जाए।
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बता दें पिछले वृहस्पतिवार को जब सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई चल रही थी, तो वहीं दूसरी तरफ मुसलमानों का एक प्रतिनिधि मंडल बेंगलुरु में श्री श्री के साथ मिलकर बाबरी मस्जिद पर समझौता करने के लिए विचार कर रहा था।
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