
नई दिल्ली। केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद से देश भर में सोलर एनर्जी के उत्पादन को तेजी से बढ़ावा मिला है। जिसका असर जमीनी तौर पर अब दिखने लगा है। साल 2014 में केंद्र सरकार ने 2022 तक 20 गीगावाट सोलर एनर्जी के उत्पादन का लक्ष्य रखा था जिसे पीएम मोदी ने समय से पहले ही हासिल कर लिया है।
अब केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 तक 20 गीगावाट सोलर ऊर्जा के उत्पादन के लक्ष्य को बढ़ाकर 100 गीगावाट कर दिया गया है। ग्रीन एनर्जी मार्केट ट्रैकर मेरकॉम कैपिटल के भारत के बारे में ताजा शोध के मुताबिक सोलर एनर्जी की उत्पादन क्षमता 20 गीगावाट हो गई है जो वर्ष 2009 में केवल छह मेगावाट थी।
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आपको बता दें कि, ऐसा पहली बार हुआ जब साल 2017 में सोलर एनर्जी का उत्पादन इतनी बड़ी मात्रा में किया गया है। अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक इस समयावधि में सोलर इन्स्टॉलेशन 9.6 गीगावाट पहुंच गया जो कुल वृद्धि का 45 फीसदी है।
मेरकॉम कैपिटल के सीईओ राज प्रभु के मुताबिक, ‘सरकार ने वर्ष 2022 तक 100 गीगावाट सोलर एनर्जी के उत्पादन का लक्ष्य रखा है लेकिन घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी के मेक इन इंडिया अभियान को बढ़ावा देने से इसमें हितों का टकराव हो रहा है।’
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राज प्रभु ने कहा कि सरकार सोलर पैनल के आयात पर ड्यूटी लगाने जा रही है। इसके अलावा इस उद्योग पर पहले से ही कई टैक्स लगते हैं। प्रभु ने कहा कि इससे सोलर एनर्जी उद्योग की तेजी में गिरावट और अनिश्चितता की आशंका बनी हुई है।
बता दें, भारत में गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सोलर एनर्जी के क्षेत्र में निवेश लगातार बढ़ रहा है। मध्य प्रदेश में साल भर में 300 सौर दिवस की उपलब्धता है जिसकी वजह से यह राज्य सोलर एनर्जी के एक प्रमुख उत्पादक राज्य के रूप में उभर रहा है।