
चांद और इसके दीदार से जुड़ी कई बातें हैं, जो लोग करते रहते हैं. खूबसूरत चांद को देखने के लोग अक्सर रात का इंतजार करते हैं. कुछ दिन के इंतजार के बाद चांद का ऐसा नजारा देखने को मिलेगा, जो जिंदगीभर भूल नहीं पाएंगे.
अगले बुधवार 31 जनवरी को ‘सुपर-ब्लू-ब्लड मून लूनर इक्लिप्स’ यानी चंद्र ग्रहण होगा. पूरे भारत में यह खगोलीय घटना देखी जा सकेगी.
नेहरू प्लैनेटैरियम की डायरेक्टर डॉ एन रत्नाश्री के मुताबिक, ‘ब्लड’ नाम इसके रंग की वजह से है. यह चांद इसलिए अनोखा है क्योंकि यह तेज लाल रंग का होगा.
चंद्र ग्रहण के दौरान जब सूरज और चांद के बीच पृथ्वी आती है तो सूरज की रोशनी रुक जाती है. लेकिन पृथ्वी के वातावरण की वजह से सूर्य की रोशनी चांद पर पड़ती है.
भारत में ग्रहण के दौरान ही चांद निकलेगा. नई दिल्ली में 5:53:54 बजे आंशिक ग्रहण के दौरान चांद निकलेगा. पूरे देश में 6:21 बजे पूर्ण ग्रहण शुरू होगा. 7:37:51 पर यह खत्म हो जाएगा. बेहतर नजारे के लिए किसी साइंस सेंटर या दिल्ली में नेहरू प्लैनेटोरियम जा सकते हैं. टेलिस्कोप से बेहतर नजारा दिखाई देगा.
लूनर इक्लिप्स
रत्नाश्री कहती हैं कि खास यह है कि चंद्र ग्रहण पेरीजी के आसपास हो रहा है, इस वजह से हमें ग्रहण के दौरान चांद की बड़ी डिस्क नजर आएगी. इस वजह से यह बेहद खूबसूरत नजर आएगा.
नीला चांद
अगर दो फुल मून एक साथ एक ही महीने में पड़ते हैं तो उसे ब्लू मून कहा जाता है. डॉ रत्नाश्री कहती हैं कि जनवरी में दो बार ऐसा होगा. पहले 2 जनवरी को ऐसा हुआ था और अब 31 जनवरी को. इसका नीले रंग से कोई रिश्ता नहीं है.
सुपरमून
जब पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब आता है, उसे सुपरमून कहा जाता है. जब चंद्रमा घेरा लगाते हुए पृथ्वी से अपनी दूरी बदलता है तो चांद के कोणीय परिधि में आधा डिग्री का बदलाव आता है. 31 जनवरी को कोणीय परिधि में झुकाव सबसे ज्यादा होगा. सुपरमून और 12 घंटे के अंदर फुल मून, दोनों ही हों. इसी वजह से सुपर-ब्लू-ब्लड मून लूनर इक्लिप्स देखा जा सकेगा.