इस विधि से करें तिल चतुर्थी का व्रत और पूजन, होंगे अनगिनत फायदे

तिल चतुर्थी का व्रतइस 2018 का पहला संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत 5 जनवरी, शुक्रवार को मनाया जा रहा है. इस व्रत को वक्रतुंडी चतुर्थी, माही चौथ, तिल अथवा तिलकूट चतुर्थी व्रत भी कहते हैं. इसे माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिल चतुर्थी का व्रत किया जाता है. इस दिन विशेष रूप से भगवान श्रीगणेश व चंद्रमा की पूजा की जाती है.

व्रत व पूजन विधि

तिल चतुर्थी की सुबह स्नान आदि से करने के बाद साफ वस्त्र पहनें. इसके बाद एक साफ आसन पर बैठकर भगवान श्रीगणेश की पूजा करें. पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख रखें. पूजा के दौरान भगवान गणेश को धूप व दीप दिखाएं. फल, फूल, चावल, रौली, मौली चढ़ाने व पंचामृत से स्नान कराने के बाद भगवान गणेश को तिल से बनी वस्तुओं या तिल तथा गुड़ से बने लड्डुओं का भोग लगाएं.

पूजा के बाद ऊं श्री गणेशाय नम: का जाप 108 बार करें. शाम को कथा सुनने के बाद गणेशजी की आरती उतारें. चंद्रमा के उदय होने पर उनकी भी पंचोपचार से पूजा करें.

इस व्रत को करने का फायदे

विधिवत भगवान श्रीगणेश का पूजन करने से मानसिक शांति मिलती है.

भगवान श्री गणेश जी की कृपा से दाम्पत्य जीवन में सुख बढ़ता है.

सुहागन महिलाओं को इस व्रत से अखंड सौभाग्य मिलता है.

इसके साथ ही घर-परिवार में सुख और समृद्धि बढ़ती है.

महिलाओं के इस प्रकार से व्रत करने से परिवार के लोगों की तरक्की होती है और कारोबार में भी सफलता मिलती है.

 

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