
लंदन। कई बैंकों से 6,963 का लोन लेने के बाद फरार हुए शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण केस की लंदन की वेस्टमिनिस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान भगोड़े माल्या के वकील ने पॉलिटिकल एक्सपर्ट लॉरेंस सेज का स्टेटमेंट पेश करते हुए सीबीआई और इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) पर कई गंभीर सवाल उठाए। इसपर भारत सरकार के एक्सपर्ट ने उनकी बोलती बंद कर दी।
भारतीय न्याय व्यवस्था से उठा माल्या का भरोसा, खड़े किए सवाल
खबर के मुताबिक कोर्ट में माल्या के वकील स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड एशियन स्टडीज के डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटिक्स के प्रोफेसर लॉरेंस सेज को लेकर पहुंचे थे।
इस दौरान लॉरेंस ने ये कहते हुए सीबीआई और ED पर सवाल उठाए कि भारत के सर्वोच्च न्यालाय ने अपने फैसले के दौरान CBI को पिंजरे में बंद तोता कहा था।
इसके बाद भारत सरकार की ओर से CPS के बैरिस्टर मार्क समर्स ने सेज के एक्सपर्ट पर पलटवार करते हुए कहा कि विजय माल्या के पक्ष में आए एक्सपर्ट जिन तथ्यों के आधार पर अपना स्टेटमेंट दे रहे है, वो सही नहीं है।
समर्स ने कहा कि इंडियन मिनिस्ट्री ऑफ पब्लिक ग्रेवांस एंड पेंशन की वार्षिक रिपोर्ट में CBI को भारत की सबसे विश्वसनीय जांच एजेंसी बताया गया है। साथ ही सेज के स्टेटमेंट को इसलिए भी सही नहीं मानना चाहिए क्योंकि स्टेटमेंट काफी हद तक मीडिया रिपोर्ट पर आधारित है।
समर्स ने कहा कि आप जैसे लोगों को जनता गंभीरता से लेती हैं इसलिए जब आप अपनी जानकारी का विस्तार कर रहे हो तब मीडिया रिपोर्ट्स की बात न करें।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यालाय ने माल्या के प्रत्यर्पण केस में देरी को लेकर केंद्र सरकार से 15 दिसंबर तक जवाब मांगा है।