निठारी कांड : बना सबसे ज्यादा बार फांसी की सजा देने का केस

निठारी कांडगाजियाबाद। सीबीआई की अदालत ने नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड के नौवें मामले में कोठी के नौकर सुरेन्द्र कोली और मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर को दोषी करार दिया। अदालत ने दोषियों को शुक्रवार को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई।

कड़ी सुरक्षा के बीच में दोनों को अदालत में पेश किया गया। इस मामले में आरोपी नौकर सुरेन्द्र कोली अकेला ऐसा शख्स है जिसे सबसे ज्यादा बार फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है।

सीबीआई के विशेष न्यायधीश ने नौकर सुरेन्द्र कोली और कोठी के मालिक मोनिंदर पंढेर को नौवें मामले में दोषी माना। नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड में सीबीआई की तरफ से 16 मामले दर्ज किए गए थे। इससे पहले आठ मामलों में कोली को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है।

नौवां मामला घर में काम करने वाली मेड अंजलि का है, जिसकी बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। उसके खून से सने कपड़े कोठरी से बरामद किए गए थे। अदालत ने मोनिंदर सिंह पंढेर और कोली को 376, 302, 201 आदि धाराओं के तहत दोषी माना।

निठारी कांड

12 साल पहले 20 जून, 2005 को आठ साल की एक बच्ची नोएडा के निठारी इलाके से अचानक गायब हो गई थी। इसके बाद से इस इलाके में लगातार बच्चे गायब होने लगे। एक साल तक लगातार बच्‍चों के गायब होने यह सिलसिला चलता रहा और करीब दर्जनभर बच्चे गायब हो गए। मामला राष्ट्रीय स्तर पर आने के बाद पुलिस की अलग-अलग टीमों ने एनसीआर समेत देश के कई इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया।

7 मई 2006 को 21 साल की एक और लड़की जब गायब हुई तो पुलिस को अहम सुराग उसके मोबाइल से मिला। पुलिस ने उस नंबर की कॉल डिटेल निकलवाई। उसके बाद जब उसमे से एक नंबर पर कॉल की गई तो उसका नाम मनिंदर सिंह पंधेर का था। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में पंधेर और उसके नौकर कोली को आरोपी बनाया।

इसके बाद पूरे निठारी मामले का खुलासा हुआ था, जिसमें 15 से ज्यादा बच्चियों और लड़कियों का रेप किया गया था। रेप के बाद उन्हें मारकर पंढेर के घर में दफन कर दिया गया था।

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