चारा घोटाला: आखिरी आरोपी को कोर्ट ने सुनाई 5 साल की सजा, लगाया 4 लाख का जुर्माना

चारा घोटालारांची। बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाला मामले में झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती को पांच साल की सजा हुई है। सजा के साथ ही अदालत ने उन पर 4 लाख रूपए का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने यह भी कहा कि अगर जुर्माने की राशि तय समय पर नहीं जमा की गई तो सजा एक साल के लिए बढ़ा दी जाएगी।

बता दें कि बुधवार को सीबीआई की विशेष कोर्ट में सजा के बिंदू पर सुनवाई हुई। इस दौरान दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं। इससे पहले बीते 14 नवंबर को चाईबासा कोषागार से हुए 37 करोड़ की फर्जी निकासी मामले में कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया था।

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इस केस में सजल अकेले दोषी बचे हुए थे, जिन्हें सजा सुनाई जानी थी। मामले में दोषी पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और डॉ। जगन्नाथ मिश्र सहित अन्य को वर्ष 2013 में ही सजा सुना दी गई थी।

सजल चक्रवर्ती वर्ष 1992 से 1995 के बीच चाईबासा के उपायुक्त थे। इस दौरान उनकी जानकारी में पशुपालन विभाग से अत्यधिक निकासी हुई। उन्होंने तत्कालीन जिला पशुपालन पदाधिकारी बृज नंदन शर्मा एवं आपूर्तिकर्ताओं से मेलजोल कर इसे नजरअंदाज किया।

इससे कोषागार से 37 करोड़ 70 लाख 39 हजार 743 रुपये की निकासी कर ली गई थी। सजल चक्रवर्ती ने बतौर उपायुक्त कोषागार से निकासी होने दिया। उन्होंने एक आपूर्तिकर्ता से लैपटॉप भी प्राप्त किया।

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फिलहाल सजल चक्रवर्ती रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद हैं। जेल प्रशासन उनके स्वास्थ्य को लेकर सतर्कता बरत रहा है। कई बीमारियों से जुझ रहे पूर्व सीएस रोजाना 40 से ज्यादा दवाइयां लेते हैं।

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