‘मोदी जी मन की बात करते हैं लेकिन मैं गुजरात के दिल का दर्द सुनने आया हूं’
अहमदाबाद। गुजरात में चुनाव से पहले भाजपा घिरती हुई नज़र आ रही है। कांग्रेस खेमा मजबूती से इस बार राज्य में सरकार बनाने की कोशिश में लगा है। गुजरात की सत्ता से पिछले 22 साल से बाहर चल रही कांग्रेस को युवा पाटीदार नेताओं का साथ भी मिल गया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी इन युवाओं के साथ मजबूती से खड़े हैं।
गांधीनगर में आयोजित ‘नवसर्जन गुजरात जनादेश’ रैली में हिस्सा लेने के लिए राहुल जब अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंचे, तो वहां अल्पेश ठाकोर ने उन्हें रिसीव किया। इस रैली में अल्पेश आधिकारिक रूप से कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा करेंगे।
इस रैली से पहले राहुल और अल्पेश के बीच लंच पर चर्चा हुई। वहीं मुलाकात में हार्दिक पटेल भी शामिल थे। दोनों नेताओं के बीच होटल ताज में चर्चा हुई। गौरतलब है कि हार्दिक पटेल ने कांग्रेस को समर्थन की बात कही थी।
भाजपा पर भड़के राहुल गांधी, जानिए क्या कहा :-
जीएसटी का मतलब गब्बर सिंह टैक्स।
मोदी जी ने नोटबंदी में फेल होने पर फांसी की बात कही थी, सरकार ने पूरे देश का पैसा जब्त किया।
नोटबंदी लागू कर मोदी जी ने खुद अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी, उन्हें खुद नहीं समझ आया क्या हुआ।
देश में हर काम श्रेय मोदी दी खुद लेने लगते हैं लेकिन मैं बताया चाहूंगा कि जनता की शक्ति से ही सारा काम होता है।
गुजरात के दिल का दर्द सुनने आया हूं।
अमित शाह के बेटे पर मोदी जी के मुंह से एक शब्द नहीं निकला।
मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया फेल हो गया लेकिन जय शाह की कंपनी रॉकेट की तरह ऊपर गई।
मोदी जी आपने कहा था कि न खाऊंगा, न खाने दूंगा, लेकिन जय शाह ज्यादा खा गया।
सरकार ने किसानों की आवाज नहीं सुनी, कहां गया 35 हजार करोड़ रुपया।
देश में गरीबों का नहीं, सिर्फ अमीरों का कर्जा माफ कर रही है सरकार।
बड़े कारोबारियों के करोड़ों रुपये के कर्ज माफ कर दिए, लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं करते।
शिक्षा के लिए गुजरात का युवा कॉलेज में पैसा नहीं दे पाता।
मोदी जी मन की बात कहते हैं, आज मैं प्यार से मोदी जी को गुजरात के दिल की बात कहना चाहता हूं।
मोदी जी आप गुजरात में चाहे जितना पैसा लगा दो, लेकिन इनकी आवाज को आप खरीद नहीं सकते, दबा नहीं सकते।
राहुल बोले- मोदी जी से परेशान युवा अब शांत नहीं होंगे।
अल्पेश जी आपने यहां लोगों से शांत रहने को कहा, लेकिन ये युवा मोदी सरकार से तंग हैं, ये शांत नहीं रह सकते।
यहां पिछले 22 सालों से गुजरात की जनता की सरकार नहीं, बस 5-6 उद्योगपतियों की सरकार चल रही है।
पूरे गुजरात में आंदोलन चल रहा है. राज्य के सभी युवा किसी न किसी आंदोलन से जुड़े हैं।
रैली में राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत जय माता दी, जय सरदार, जय भीम के नारे से की।
यहां रैली में राहुल गांधी ने छोटी बच्ची के हाथों रोटी, प्याज़ और मिर्च खाई। वहीं अल्पेश ने बताया कि उन्होंने राहुल को गुजरात का गुड़ दिया है।
रैली में दिए अल्पेश ठाकोर के भाषण की प्रमुख बातें :–
अबकी बार गुजरात में ना रुपया चलेगा, ना शराब चलेगी, इस बार सिर्फ कांग्रेस की सरकार चलेगी।
इस बार गुजरात में कांग्रेस की सरकार बनेगी और 125 से ज्यादा सीटें जीतेगी।
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आज गुजरात में हर तबका जागा है, वह होकर लड़ेगा और कांग्रेस की सरकार बनाएगा।
बीजेपी के 150 सीटों के लक्ष्य को अल्पेश ठाकोर ने झूठा करार दिया।
गुजरात में अबकी बार गरीबों-पिछड़ों की सरकार आएगी।
गुजरात में किसानों- बेरोजगारों के यहां विकास का जन्म ही नहीं हुआ, पहले उनके घर विकास का जन्म कराइए।
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हमें सम्मान चाहिए, अगर सम्मान कांग्रेस में मिल रहा है, तो कांग्रेस में ही शामिल होना चाहिए।
गुजरात के अंदर जिस आंदोलन को लेकर हम लेकर निकले हैं, गरीबों, पिछड़ों, बेरोजगारों, किसानों के विकास की जिस विचारधारा को लेकर हम लड़ रहे हैं।
राहुल जी ने कहा कि यही तो कांग्रेस की विचाधारा है। यह सुनने पर हमने कांग्रेस से जुड़ने का फैसला है।
आज गुजरात जनादेश सम्मेलन में सभी गरीबों, युवाओं की तरफ से राहुल गांधी का स्वागत है।
पहले भी कांग्रेस के साथ थे अल्पेश
बता दें अल्पेश इससे पहले 2009 से 2012 तक कांग्रेस के ही साथ थे। अल्पेश के पिता खोड़ाजी ठाकोर भी कांग्रेस के पुराने नेता रहे हैं और अभी अहमदाबाद के ग्रामीण जिला अध्यक्ष हैं। वहीं अल्पेश ने भी कांग्रेस की टिकट पर पिछला जिला पंचायत चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए थे।
इसके साथ ही कांग्रेस ने पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और दलित नेता जिग्नेश मेवानी को भी इस रैली में शामिल होने की दावत दी थी।
युवा शक्ति का साथ
कांग्रेस इस बार सिंहासन पर वापसी की पूरी कोशिश कर रही है। राज्य की 65 फीसदी आबादी की उम्र 35 साल से कम है, ऐसे कांग्रेस की कोशिश इस ‘युवा शक्ति’ को साध कर सत्ता तक पहुंचने की है। इसके लिए पार्टी हार्दिक पटेल, मेवानी और ठाकोर जैसे युवा नेताओं के पास अपने अपने समुदायों में खासा जनाधार है। इसलिए कांग्रेस इन्हें अपनी तरफ लाने की कोशिश कर रही है।