ऑस्कर पहुंची ‘न्यूटन’ पर लगा चोरी का आरोप, डायरेक्टर ने कहा…
मुंबई। राजकुमार राव की फिल्म ‘न्यूटन’ इस शुक्रवार पर्दे पर रिलीज हुई है। रिलीज के साथ इस फिल्म को जितनी सराहना क्रिटिक्स की ओर से मिली है उतनी ही तारीफ इसने दर्शकों की भी बटोरी है। रिलीज के दिन ही फिल्म की टीम ने इस बात की जानकारी दे दी थी कि इसे ऑस्कर में ऑफिशियल एंट्री मिल गई है।
अब इसमें एक नया ट्विस्ट आया है। भले ही फिल्म को भरत की ओर से ऑस्कर में एंट्री मिल गई है। फिल्म के मेकर्स पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। फिल्म जैसी भी क्यों न हो उसकी सुर्खियों में आना लाजमी होता है।
राजकुमार राव की फिल्म न्यूटन के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। फिल्म न्यूटन पर अरोप लगे है कि इसकी कहानी चुराई गई है। खबरों के मुताबिक राजकुमार का किरदार और उनकी फिल्म न्यूटन की कहानी ईरानी फिल्म ‘सीक्रेट बैलट’ से प्रभावित है।
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इस पर फिल्म के डायरेक्टर ने चुप्पी तोड़ दी है। इस आरोप पर फिल्म के डायरेक्टर अमित मसूरकर का कहना है कि उनकी फिल्म की कहानी ओरिजिनल है। उन्होंने इससे पहले फिल्म ‘सीक्रेट बैलट’ के बारे में सुना भी नहीं था। उन्होने सीक्रेट बैल्ट तब देखी जब लोगों ने उनकी फिलम की तुलना उससे करनी शुरू की।
अमित ने फिल्म की कहानी चोरी के अरोप को पूरी तरह नकार दिया है। साथ ही इस पर उनका कहना है कि यदि फिल्म की कहानी चोरी की गई होती तो इसकी इतनी सराहना न होती। इसे ऑस्कर में एंट्री न मिली होती। फिल्म न्यूटन कुछ अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह का हिस्सा बन चुकी है। इतना ही नही ककई अवार्ड भी अपने नाम कर चुकी है।
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न्यूटन की बात करें तो बता दें, फिल्म की कहानी नूतन कुमार के इर्द गिर्द घूमती है। लड़कियों जैसा नाम होने की वजह से वह अपना नाम नूतन से बदलकर न्यूटन रख लेता है। न्यूटन अपने काम को लेकर काफी सीरियस रहता है।
उसके अनुसार चीजें हमेशा रूल्स एंड रेगुलेशन के मुताबिक चलनी चाहिए, जबकि असल में दुनिया ऐसे नहीं चलती है। इलेक्शन के दौरान न्यूटन की ड्यूटी नक्सलवाद प्रभावी इलाके में पड़ती हैं। वहां वोटिंग बैलट/ईवीएम मशीन और ईमानदारी से वोटिंग होना सब जिम्मेदारी न्यूटन के कंधो पर होती है।
वहां पहुचने पर उसे एहसास होता है कि सबकुछ उसकी सोच से परे हैं। कुछ भी इतना आसान नहीं जैसा वह सोचता है। इसके बाद वह ठानता है कि वह ईमानदारी से वोटिंग करा कर रहेगा क्योंकि इसपर ही देश का भविष्य निर्भर है। वह मानता है कि ‘जब तक कुछ नहीं बदलोगे कुछ नहीं बदलेगा’। वह ‘न्यूटन के सिद्धांतों’ को वहां की परस्थिति पर लागू करता है। ट्विस्ट एंड टर्न से होते हुए कहानी अपने अंजाम तक पहुंचती है।