
नई दिल्ली। भगवान की पूजा में विलीन रहने का कोई वक्त या समय नहीं होता है लेकिन सोमवार का दिन भगवान शिव की अराधना के लिए बहुत ही खास माना जाता है। आमतौर पर शिवलिंग पर बेल पत्र अर्पित किए जाते हैं। बेलपत्र भोलेनाथ को बहुत प्रिय होते हैं। ऐसे में सोमवार के दिन मनोकामना पूरी करने के लिए शिवलिंग पर अर्पित करना बहुत ही मंगलमय होता है।
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इस कड़ी में जानकारों का कहना है बेल वृक्ष शिव का ही एक रूप है। हिन्दूओं के पवित्र धर्म-ग्रन्थ शिव पुराण में बेल वृक्ष भगवान शिव की अराधना का मुख्य अंग है। बेल पत्र के चढ़ाने से शंकर भगवान प्रसन्न हो जाते है। इस वृक्ष की कुछ बेहद आश्चर्यजनक बातें है जो पुराणों में वर्णित हैं।
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आइए जानें:
अगर बेलवृक्ष के नीचे शिवलिंग की पूजा की जाए तो हर तरह की मन की मुराद पूरी होती है।
कोई भी बेल की जड़ का पानी अपने सिर पर लगाता है, तो उसे सभी तीर्थों की यात्रा का पुण्यफल हासिल होता है
गंध, फूल, धतुरे से जो बेलवृक्ष की जड़ की पूजा करता है, उसे संतान और सभी सुख मिल जाते हैं।
जीवन में सिर्फ 1 बार भूल से भी शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ा दिया हो तो भी उसके सारे पाप मुक्त हो जाते हैं।
बेल की जड़ के आस-पास किसी भी भोलेनाथ के सेवकों को घी से बनी चीज़ें या खीर दान देने वाला कभी भी धनहीन या दरिद्र नहीं होता।
नोट: कृपया बेल पत्र का पेड़ जरूर लगाएं। बेल पत्र के लिए पेड़ को क्षति न पहुचाएं।