बाढ़ मृतक आश्रितों को योगी सरकार देगी चार लाख रुपए

बाढ़ में राहतलखनऊ : बाढ़ में राहत और बचाव के लिए सरकार ने कमर कस ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां बाढ़ प्रभावित इलाकों का लगातार दौरा कर रहे हैं वहीं मुख्य सचिव राजीव कुमार ने अफसरों की बैठक कर उनकी जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की है। राजीव ने बाढ़ पीड़ितों को आवश्यक सुविधा प्राथमिकता से उपलब्ध कराने और राहत कार्यो की प्रतिदिन रिपोर्ट संबंधित जिलों से प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। शासन स्तर पर तय हुआ है कि बाढ़ में जान गंवाने वालों के आश्रितों को सरकार चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी।

शुक्रवार को मुख्य सचिव ने शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय में प्रदेश में बाढ़ से प्रभावित जिलों में चल रही राहत कार्यो की समीक्षा की। बाढ़ में क्षतिग्रस्त होने वाले बंधों की मरम्मत तथा बाकी बांधों को क्षतिग्रस्त होने से रोकने के लिए अनुभवी अभियंताओं को बंधेवार तैनात कर नियमित निगरानी के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बाढ़ प्रभावितों में एक सप्ताह की राहत सामग्री वितरित कराकर सोमवार को उसकी रिपोर्ट तलब की है। कहा, कोई भी बाढ़ पीड़ित राहत पैकेट से वंचित नहीं होना चाहिए। प्रमुख अभियंता सिंचाई को प्रतिदिन जिलेवार व बांधवार जानकारी लेकर रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी दी है। बाढ़ के बाद संक्रामक बीमारियों से रोकथाम के लिए भी उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।

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बुंदेलखंड और आगरा मंडल के जिलों में कम वर्षा की वजह से संभावित सूखे के दृष्टिगत पहले से ही आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में कई विभागों के प्रमुख सचिव मौजूद थे।

सीएम योगी के ट्वीट

जिनके पक्के मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उनके खाते में 95100 रुपये सीधे भेजे जाएंगे. जिनकी फसलें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिया जाएगा. जिनकी झोपड़ी या कच्चे मकान ध्वस्त हो गए हैं, उनका सर्वे कराकर सहायता राशि दी जाएगी.

उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने रवाना की राहत सामग्री

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को विधानसभा गेट नंबर नौ से फैजाबाद, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, श्रवस्ती व गोरखपुर जिले के लिए बाढ़ राहत सामग्री से भरे ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। डॉ. शर्मा ने कहा कि आपदा जब आती है तो समान रूप से सभी को प्रभावित करती है। ऐसे में संपूर्ण समाज का दायित्व है कि आपदा से निपटने में एक-दूसरे की सहायता करें। शर्मा ने कहा कि बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है इसे हम रोक तो नहीं सकते लेकिन, इससे होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है।

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तराई की नदियों में फिर उफान

तराई में नदियों का जलस्तर फिर बढ़ने से बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कटान तेज होने से गोंडा में भिखारीपुर-सकरौर तटबंध पर खतरा मंडरा रहा है। लखीमपुर व बहराइच में डूबने से दो लोगों की मौत हो गई। लखीमपुर में नेपाली नदियां मोहाना व कर्णाली निघासन में कहर बरपा रही हैं। बाढ़ का पानी कई गांवों में भरा हुआ है। बाराबंकी में घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बहराइच में 47 ग्राम पंचायतों के 268 मजरे बाढ़ से प्रभावित हैं।

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