अब मुसलमानों के साथ ‘चाय पर चर्चा’… लेकिन मोदी के बिना
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में चुनावी आहट को भांपते ही राजनीतिक पार्टियां वोटरों को लुभाने में जुट गयी हैं। मोदी सरकार ने मुसलमानों और दलितों को लुभाने के लिए ‘चाय पर चर्चा’ की तर्ज पर ‘पंचायत’ आयोजित करने का फैसला किया है। ये पंचायतें मुस्लिमों और दलितों के लिए होंगी। यूपी और गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में मोदी सरकार का यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है। पहली पंचायत हरियाणा के मेवात इलाके में 29 सितंबर को होगी। इस पंचायत की अध्यक्षता अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी करेंगे। नकवी अगले तीन-चार महीने पंचायत आयोजित करने के लिए कई राज्यों में जाएंगे, ताकि मुस्लिमों और दलितों को एनडीए के साथ लाया जा सके।
पूरे देश में ऐसी 500 पंचायतें आयोजित की जाएंगी। इन पंचायतों की जगह इलाके में अल्पसंख्यकों की संख्या को ध्यान में रखते हुए चुनी जाएगी। मंत्रालय ने ऐसी जगहों की पहचान की है, जहां कि जनसंख्या में 30 से 35 फीसदी अल्पसंख्यक हैं।
गौरक्षा के मामले में दलितों और मुस्लिमों पर हमले की कई घटनाओं के बाद दोनों समुदायों में मोदी सरकार के खिलाफ काफी रोष है। हाल ही में गुजरात में दलितों और मुस्लिमों ने मोदी सरकार के खिलाफ रैली भी निकाली थी। यह रैली गुजरात में गौरक्षकों द्वारा दलितों की पिटाई के बाद निकाली गई थी।