68 दिन उपवास बाद मौत मामले में माता-पिता के खिलाफ मुकदमा

68 दिन उपवासहैदराबाद। सिकंदराबाद में 68 दिन उपवास रखने से  13 वर्षीय लड़की की मौत के मामले में उसके माता-पिता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। लक्ष्मीचंद समधरिया और उसकी पत्नी मनीषा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

मालूम हो कि, कक्षा आठ की छात्रा आराधना की मौत 68 दिन का उपवास पूरा करने के बाद तीन अक्टूबर को हो गई।  सिकंदराबाद में रहने वाले उसके अभिभावक ने कहा कि उपवास पूरा करने के बाद जब वह बीमार महसूस कर रही थी, तब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था ।

यह मामला तब प्रकाश में आया, जब बाल अधिकारों के लिए काम करने वाली एक गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) बलाला हक्कुला संगम ने मामले की पुलिस में शिकायत की।

पीड़िता के पारिवारिक लोगो ने कहा कि आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली आराधना ने दो अक्टूबर को अपना उपवास पूरा किया था, जिसके दो दिन बाद वह बीमार पड़ गई, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। चार अक्टूबर को उसकी मौत हो गई।

जैन परंपरा के मुताबिक, लड़की चौमासा की पवित्र अवधि के दौरान उपवास पर थी। मान्यता के अनुसार इससे उसके पिता के ज्वेलरी के व्यापार में मुनाफा होता।

लड़की के दाह संस्कार में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया और उसे ‘बाल तपस्वी’ करार दिया गया था ।

बलाला हक्कुला संगम ने आरोप लगाया है कि लड़की से जबरदस्ती उपवास कराया गया, जिसके कारण उसकी मौत हुई। वहीँ, परिजनों ने दावा किया है कि इससे पहले वह 41 दिन का उपवास सफलतापूर्वक कर चुकी थी।

बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने एक राज्यमंत्री तथा एक सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, जो दो अक्टूबर को उपवास पूरा होने के कार्यक्रम में उपस्थित हुए थे।

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