6 वर्ष बाद भी फांसी पर नहीं लटका निर्भया का आरोपी, मां, पिता को आज भी हैं इंतजार
16 दिसंबर 2012 को निर्भया का गैंगरेप किया गया था। निर्भया कांड की छठी बरसी है। दरिंदगी के बाद निर्भया ने 13 दिनों तक मौत से लड़ाई लड़ी थी। निर्भया की मौत ने महिला सुरक्षा को लेकर एक बड़ा आंदोलन खड़ा कर दिया था। लाखों लोग सड़कों पर उतरे थे और सरकार को सख्त कानून बनाने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
निर्भया के गुनहगारों को फांसी पर कब लटकाया जाएगा, यह सवाल अभी कायम है। निर्भया के पिता का कहना है कि रिव्यू पिटिशन खारिज होने के बाद अभी तक क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल नहीं किया गया है और न ही दया याचिका दाखिल की गई है। ऐसे में वे इस तथ्य को लेकर अंधेरे में हैं कि आखिर निर्भया के गुनहगारों को फांसी पर कब लटकाया जाएगा। निर्भया की मां आशा देवी का कहना है कि निर्भया के अपराधी आज भी जिंदा हैं और यह कानून व्यवस्थआ की हार है। हालांकि उन्होंने अपने दुख को जब्त करते हुए यह भी कहा है कि हम सभी लड़कियों से यह कहना चाहते हैं कि वे खुद को कमजोर न समझें।
Asha Devi, mother of Dec 16 Delhi gangrape victim: Culprits in a criminal case like this are still alive. It's a failure of law & order situation. We want to tell the girls everywhere to not consider themselves weak & request parents to not deprive their girls of education pic.twitter.com/SwzVxdH9ss
— ANI (@ANI) December 15, 2018
कानूनी जानकारों का कहना है कि अभी क्यूरेटिव पिटिशन और मर्सी पिटिशन दाखिल करने का कानूनी उपचार बाकी है। मामले में चारों मुजरिमों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है और तीन मुजरिमों की रिव्यू पिटिशन खारिज हो चुकी है। जबकि चौथे अक्षय की ओर से रिव्यू पिटिशन दाखिल नहीं की गई। मुजरिमों के वकील ने बताया कि उनकी ओर से क्यूरिटिव पिटिशन दाखिल किया जाना है। वहीं एक मुजरिम ने खुद को जुवेनाइल घोषित करने की अर्जी दाखिल कर रखी है। मामला अभी कानूनी दावपेंच में उलझा हुआ है। दूसरी ओर, निर्भया के पैरंट्स का कहना है कि इन कारणों से वह अभी तक अंधेरे में हैं कि आखिर इंसाफ कब मिलेगा।
इसी साल 9 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने तीन दोषियों की रिव्यू पिटिशन खारिज करते हुए उनकी फांसी की सजा को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 4 मई को पवन, विनय और मुकेश की रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अक्षय की ओर से रिव्यू पिटिशन नहीं डाली गई थी। अक्षय के वकील एपी सिंह ने बताया कि अक्षय की ओर से अभी रिव्यू पिटिशन दाखिल की जानी है। वहीं पवन की ओर से उन्होंने निचली अदालत में अर्जी दाखिल कर उसे जुवेनाइल घोषित करने की गुहार लगा रखी है, जो मामला अभी पेंडिंग है।
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पवन और विनय की ओर से अभी वह क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करने वाले हैं। मुकेश के वकील एमएल शर्मा का कहना है कि मुकेश की ओर से क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल किया जाना है। मुजरिमों के वकील ने कहा कि अभी उनके पास कानूनी उपचार बचा हुआ है। अगर क्यूरेटिव पिटिशन भी खारिज कर दिया जाता है तो फिर राष्ट्रपति के सामने मर्सी पिटिशन दाखिल किए जाने का प्रावधान है।
18 दिसंबर को बुलाया गया है निचली अदालत में
निर्भया के पिता ने एनबीटी को बताया कि 9 जुलाई को जब रिव्यू पिटिशन सुप्रीम कोर्ट से खारिज किया गया, उसके बाद क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल किए जाने का प्रावधान बचा हुआ है। लेकिन आखिर कब तक क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल किए जाने का इंतजार किया जाएगा। इस बारे में उन्होंने तमाम सरकारी अथॉरिटी से पता करने की कोशिश की। तब वह निचली अदालत के सामने गए। जिस अदालत ने पहली बार फांसी की सजा सुनाई थी, उसी अदालत के सामने डेथ वॉरंट जारी करने की उन्होंने गुहार लगाई थी और उन्हें 18 दिसंबर को बुलाया गया है। इसी बीच उन्हें पता चला कि पवन की ओर से अर्जी दाखिल कर जुवेनाइल घोषित करने की गुहार लगाई गई है, जिस पर 21 दिसंबर को सुनवाई होनी है। जिस दिन गुनहगारों को फांसी पर लटाकाया जाएगा, उसी दिन उनके दिल को तसल्ली मिलेगी।