दुनिया लड़ रही है कोरोना वायरस से जंग, लेकिन अमेरिका…

नई दिल्ली। कोरोना वायरस स्पेन और अमेरिका पर जमकर कहर बरसा रहा है। स्पेन में 24 घंटे में ही इस वायरस की वजह से 838 मौतें हो गई। पूरी दुनिया की बात करें तो एक दिन में 3,104 मौतें हुई हैं। इस स्थितियों को देखते हुए लॉकडाउन काफी समय के लिए किया जा सकता है। कोरोना वायरस के केंद्र के रूप में उभर कर सामने आए यूरोप और अमेरिका में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप को अमेरिका को बंद करने से साफ मना कर दिया है। भारत की बात करें तो यहां पर भी संक्रमित लोगों की संख्या 1100 के पार जा पहुंची है। साथ ही मरने वालों की संख्या 30 हो चुकी है।

स्पेन में लगातार तीसरे दिन 24 घंटे में होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि हुई है. देश में लॉकडाउन को सख्ती से लागू कराया गया है और अधिकारियों को उम्मीद है कि नये मामलों की वृद्धिदर में कमी का अभिप्राय है कि स्पेन संकट के चरम पर पहुंच गया है. कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में जीवन के सभी पहलुओं पर विध्वंसक असर डाला है: लाखों नौकरियां चली गईं, चुनाव टल गए और खेल आयोजन रोक दिए गए हैं. इससे दुनिया भर में स्वास्थ्य क्षेत्र पर अत्यधिक बोझ बढ़ गया है. डॉक्टर एवं नर्स व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की कमी से जूझ रहे हैं और दुनिया के सबसे अमीर शहर मास्क।

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हालांकि, इटली, स्पेन और न्यूयॉर्क जैसे शहर जहां संकट गंभीर है वहां पर इलाज कर रहे चिकित्सा कर्मियों के पास आपूर्ति होने तक रुकने का समय भी नहीं है. न्यूयॉर्क के माउंट सिनाई अस्पताल समूह स्थित पुनर्वास केंद्र में काम करने वाली तीन बच्चों की मां डायना टोरेज कहती हैं कि वहां सभी डरे हुए हैं. उल्लेखनीय है कि इसी अस्पताल में हाल में कोरोना वायरस से 48 वर्षीय एक नर्स की मौत हो गई थी. डायना ने कहा, ‘मेरे सिर पर और पैरों में पहनने के लिए कुछ नहीं है.’ उन्होंने बताया कि एक व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, एक एन-95 मास्क को हासिल करने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ी जिसका उन्हें बार-बार इस्तेमाल करना होगा.जीवनरक्षक प्रणाली की सीमित संख्या की वजह से संघर्ष कर रहे हैं.

 

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