50 सालों से इस गांव के लोग करते हैं ऐसा काम, जिसे जानकर शहर वालों के उड़ जाएंगे होश…
दुनिया में तमाम ऐसी जगहे हैं जहां पर लोग अजीबो-गरीब तरीके से रहते हैं और बेहद ही चौंकाने वाली परम्पराओं का पालन करते हैं।
भारत में भी ऐसी कई जगहें हैं जहां पर ऐसी परम्पराओं का पालन किया जाता है जिनके बारे में जानकार आप अपना सिर पकड़ लेंगे।
आज इस खबर में हम आपको भारत के एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर सालों से चली आ रही एक परम्परा हैरत का विषय बनी हुई है।
हम जिस जगह के बारे में आपको बताने जा रहे हैं वो राजस्थान के अजमेर में बसा देवमाली गांव है। इस को गुर्जर जाति के पूज्य्नीय श्री देवनारायण भगवान के तीर्थ स्थल के रूप जाना जाता है।
कहते हैं कि श्री देवनारायण भगवान विष्णु के अवतार थे। यह गांव देखने को तो किसी आम गांव की तरह ही लगता है लेकिन यहां कुछ ऐसा है जो आपको भी हैरान करने के लिए काफी है।
बता दें कि इस गांव में ना तो बिजली आती है और ना ही यहां पर पक्की सड़कें बनी हुई हैं लेकिन इसके बावजूद इस गांव को आदर्श गांव माना जाता है।
इस गांव में आपको सिर्फ कच्चे मकान ही दिखेंगे जो मिट्टी से बने होते हैं। यहां ऐसा इसलिए हैं क्योंकि गांव वाले मानते हैं कि अगर उन्होंने पक्के मकान बनवाए तो यहां पर आपदा आ जाएगी।
यहां पर घरों में बिजली तो आती है लेकिन कोई यहां कूलर-पंखे जैसे उपकरणों का प्रयोग नहीं करता है।
देवमाली गांव के लोगों की मानें तो एक बार किसी ने यहां पक्का मकान बनवाया था लेकिन यह मकान ज्यादा नहीं चल सका और एक सप्ताह के भीतर ही वो मकान ढह गया।
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इस गांव के आराध्य की पूजा के लिए किसी भी पुजारी को नियुक्त नहीं किया जाता है बल्कि इस गांव में पैदा हुआ गुर्जर जाति का व्यक्ति भोपा (पुजारी) कहलाता है।
इस गांव की जो सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इस गांव में बसे 80 परिवारों में से कोई भी अंडा, मांस और शराब का सेवन नहीं करता है। इसके अलावा गांव में आज भी कोई अपने घर में ताला नहीं लगाता है।
चौंकाने वाली बात यह है कि ये परम्परा पिछले 50 सालों से चल रही है और पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक इन 50 सालों में यहां पर चोरी की एक भी घटना नहीं हुई है।