लुट रहा  है लखनऊ नगर निगम का खजाना

लखनऊलखनऊ । आम आदमी पार्टी (आप) का लखनऊ नगर निगम पर गंभीर आरोपों का सिलसिला जारी है। आप ने ई-टेंडर घोटाले के बाद पर अब महापौर पर टेंडर के माध्यम से नगर निगम का खजाना लुटवाने का आरोप लगाया है। आप के जिला संयोजक गौरव माहेश्वरी ने कहा कि इस गड़बड़झाला की अखबारों में छपी खबर के आधार पर पार्टी द्वारा किए गए सत्यापन में नगम को पोल खुल गई।

टेंडर मनचाहे ठेकेदारों को दिए जा रहे हैं 

उन्होंने कहा कि पूर्व में हुए ई-टेंडर घोटाले को अंजाम देने के बाद भी नगर निगम के अधिकारियों एवं इंजीनियरों के हौसले इतने बुलंद हैं कि नियम-कानून ताक पर रख टेंडर मनचाहे ठेकेदारों को देने में लगे हुए हैं।

महेश्वरी के मुताबिक, जोन-3 के विवेकानंदपुरी वार्ड स्थित फातिमा हॉस्पिटल के सामने और पीछे सड़क, नाली और इंटरलॉकिंग का 13 लाख रुपये का काम इंजीनियर और ठेकेदार की मिलीभगत से पूरा हो गया। जबकि इस काम के लिए 7 जुलाई तक टेंडर पड़ना है।

इसी तरह चीफ इंजिनियर की मंजूरी के बाद 24 जून को 15 कार्यो का विज्ञापन जारी किया गया था, जिसमें दूसरे और तीसरे नंबर पर फातिमा हॉस्पिटल के पास नगर निगम द्वारा कराए जाने वाले कार्यो का विवरण दिया गया था। दो नंबर की सूची पर विवेकानंद वार्ड के अंतर्गत फातिमा हॉस्पिटल के पीछे की नाली और सड़क का 5 लाख रुपये से काम कराया जाना था।

सूची में तीसरे नंबर पर फातिमा हॉस्पिटल के सामने नाली और इंटरलॉकिंग का 8 लाख रुपये के प्रस्तावित काम का ब्योरा दिया गया था। इन सभी कार्यो के लिए चीफ इंजिनियर कार्यालय में 8 जुलाई को टेंडर खोले जाने हैं। लेकिन इससे पहले ही इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने और नाली की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है।

फातिमा हॉस्पिटल के पीछे गली में सड़क का काम चल रहा है जो अगले दो से तीन दिन में पूरा किए जाने की संभावना है। आप के मुताबिक, हैरत की बात यह है कि जिस टेंडर को 8 जुलाई को खोलना है, उसका कार्य टेंडर खोलने की तिथि से पहले ही चयनित चहेते ठेकेदार से पूरा करवा लिया है। इसका अर्थ यह है कि जिस दिन टेंडर खुलेगा, उस दिन उसी ठेकेदार को टेंडर आवंटित कर कमीशनखोरी को अंजाम देकर भुगतान कर दिया जाएगा।

माहेश्वरी ने कहा कि इस पूरे प्रकरण से स्पष्ट हो गया कि यह सब मिलीभगत से नगर निगम के खजाने की सामूहिक लूट महापौर की छत्रछाया में खूब फली-फूली है। इतने बड़े ई-टेंडर घोटाले को अंजाम देने के बाद अभी भी निगम प्रशासन सुधरने का नाम नहीं ले रहा है।

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