कुशीनगर में उजागर हुआ लाखों का घोटाला, 1 हिरासत में, जानें पूरा मामला

कुशीनगर। कुशीनगर जिले में ओसी बिल यानी प्रभारी अधिकारी बिल कलेक्ट्रेट के फर्जी पत्र पर एसबीआई पडरौना से 33 लाख 42 हजार 259 रुपये का तीन चेक जारी करा लिया गया। इनमें एक चेक दो लाख रुपये का भुगतान होकर केसीसी के खाते में जमा है।

घोटाला

बताया गया है कि 12 लाख 20 हजार 456 रुपये का बैंकर्स चेक भुगतान के लिए बंधन बैंक में गया। बैंककर्मियों ने आईडी मांगी तो भुगतान लेने वाला सकपकाने लगा। इस पर बैंककर्मी को शक हुआ तो कोषागार व एसबीआई पडरौना में तस्दीक की गई। इसके बाद पूरी स्थिति से एडीएम वित्त को बताया गया। साथ ही भुगतान लेने वाले को बैंक में बुला लिया।

पुलिस शक के आधार पर एक युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। लोगों के बीच चर्चा है कि जांच हो तो ऐसे कई मामले और भी उजागर हो सकते हैं।

ओसी बिल का फर्जी पत्र स्टेट बैंक पडरौना में पहुंचाया गया। 30 जनवरी 2018 को एसबीआई मेन शाखा से ओसी बिल के नाम से 33 लाख 42 हजार 259 रुपये का तीन चेक जारी हुआ। इसी चेक को दुबारा 20 अगस्त को ओसी बिल प्रभारी का फर्जी पत्र लगाकर तीन चेक जारी कराया गया है।

उस पत्र में हवाला दिया गया कि रमापति मिश्र के नाम 12 लाख 20 हजार 456 रुपयेए प्रद्युम्न विश्वकर्मा के नाम दो लाख व 19 लाख 21हजार 803रुपये ओसी बिल अधिकारी के नाम पर भुगतान करने को कहा गया। एसबीआई बैंक पडरौना से तीनों चेक कलेक्ट्रेट कर्मचारी बन कर प्राप्त किया गया है।

छानबीन में पता चला कि 18 अप्रैल को रमापति मिश्र के नाम से बंधन बैंक में खाता खोला गया था। दो दिन पूर्व उनका पुत्र सुबोध 12 लाख 20 हजार 456 रुपये का बैंकर्स चेक बंधन बैंक में जमा किया था। दो लाख का चेक एक व्यक्ति ने क्लीयरेंस कराकर अपने किसान क्रेडिट खाता में जमा कराया है।

रमापति मिश्रा के बेटे सुबोध मिश्र ने अपने पिता के नाम 12 लाख 20 हजार 456 रुपये के चेक का भुगतान पाने के लिए पडरौना-छावनी स्थित बंधन बैंक पर दबाव बना रहा था। इतनी बड़ी रकम का हस्ताक्षर के सही मिलान नहीं होने और उनके बार-बार दबाव देने से बंधन बैंक के ब्रांच सेल्स मैनेजर शिवशंकर त्रिपाठी और क्लीरेंस मैनेजर अनिल ने एसबीआई पडरौना में खुद पहुंचकर जांच पड़ताल की और जब बैंककर्मियों ने सत्यापन कराया तो परत दर परत मामला खुलता चला गया। बैंककर्मियों ने भुगतान लेने वाले को बुलाया। इसकी सूचना एडीएम को दी।

प्राधिकारी बिल का फर्जी हस्ताक्षर करके 33 लाख 42 हजार 259 रुपये का भुगतान चेक के माध्यम से किए जाने की कोशिश की सूचना पर एडीएम ने टीम के साथ एसबीआई की पडरौना शाखा में छापेमारी की। जांच के दौरान पता चला कि एक तथाकथित रिटायर्ड कानूनगो और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को ओसी बिल के 19 लाख रुपये दूसरे खाते में डाले जाने के संबंध में फर्जी पत्र निर्गत हुआ है।

एडीएम के निर्देश के बाद एक युवक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ शुरू कर दी है।

वहीं एडीएमए एएसपी व ओसी बिल सहायक, एसडीएम कप्तानगंज ने बंधन बैंक में पहुंचकर रिकार्ड खंगलवाया तो ओसी बिल सहायक ने कहा कि ये उनके हस्ताक्षर ही नहीं हैं। फर्जी हस्ताक्षर से पत्र जारी हुआ है।

सूत्रों के अनुसार, चेक जारी करने वाला एसबीआई के बैंककर्मी शनिवार को छुट्टी पर था, इस वजह से उससे पूछताछ नहीं हो पाई। समाचार लिखे जाने तक पुलिस छानबीन में जुटी हुई है।

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एडीएम कृष्ण लाल तिवारी ने शनिवार को बताया कि प्राधिकारी अधिकारी ओसी बिल के फर्जी हस्ताक्षर से किसी ने पत्र जारी कर निर्देश दिया कि आपदा के 33 लाख में से 12 लाख 20 हजार रुपये तथा कथित रिटायर्ड कानूनगों रमापति मिश्र के पेंशन काए कथाकथित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रद्युम्न विश्वकर्मा के नाम दो लाख और 19 लाख ओसी बिल के नाम से चेक निर्गत कर दिया जाए। तीनों चेक फर्जी हस्ताक्षर वाले पत्र से निर्गत कर भी दिए गए।

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जांच में पता चला कि रिटायर्ड कानूनगो बताए गए और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कभी इस पद पर रहे ही नहीं हैं। इसमें एसबीआई की भी भूमिका संदिग्ध लग रही है। जांच के लिए एसडीएम कप्तानगंज, ओसी बिल प्रभारी और कोतवाल पडरौना को निर्देश दिया गया है कि पूरे मामले में जो भी दोषी हो, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए कार्रवाई की जाए।

देखें वीडियो:-

https://youtu.be/CZCGvr4E0Ew

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