17 साल पहले का सपना टुटा था , पोंटिंग ने अपनी पारी से छीना वर्ल्ड कप

17 साल पहले आज ही के दिन 23 मार्च 2003 को भारत का दूसरी बार वर्ल्ड चैम्पियन बनने का सपना रिकी पोंटिंग की कंगारू टीम ने तोड़ दिया था। 23 मार्च 2003 को खेले गए वर्ल्ड कप के इस फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया ने बाजी मारते हुए लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप जीता था। यह हार आज भी भारत को बहुत चुभती है।सचिन-गांगुली

सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, सौरव गांगुली और जहीर खान जैसे स्टार खिलाड़ियों से सजी इस टीम इंडिया ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था। सौरव गांगुली की कप्तानी वाली टीम इंडिया 2003 वर्ल्ड कप में खिताब जीतने की प्रबल दावेदार मानी जा रही थी. लेकिन फाइनल में कंगारुओं से एकतरफा हार मिली।

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वर्ल्ड कप 1983 के 20 साल बाद 2003 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची भारतीय टीम की दुर्दशा हुई. इस अहम मुकाबले में टॉस भारत ने जीता था, लेकिन गांगुली ने पहले गेंदबाजी का फैसला किया।ऑस्ट्रेलिया ने पहले खेलते हुए भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुनाई करते हुए 50 ओवर में मात्र दो विकेट खोकर 359 रनों का विशाल लक्ष्य खड़ा किया. ऑस्‍ट्रेलिया की तरफ से रिकी पोंटिंग 140 और डेनियम मार्टिन 88 रन बनाकर नाबाद रहे।

लक्ष्‍य का पीछा करने उतरी भारतीय शुरुआत से ही लखड़खड़ा गई और सचिन 4 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. भारत की तरफ से सहवाग एकमात्र ऐसे बल्‍लेबाज रहे जिन्‍होने थोड़ा संघर्ष किया।सहवाग ने 82 रन बनाए लेकिन उनके अलावा कोई और बल्‍लेबाज टिककर नहीं खेल सका जिसकी बदौलत भारत 39.2 ओवर में 234 रन पर आलआउट को गई. भारत को फाइनल मुकाबले में 125 रन की करारी हार का सामना करना पड़ा।

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