‘108’ को मिला नया जीवन, बेड़े से जल्द जुड़ेंगी 66 नई एंबुलेंस

108 एंबुलेन्सउत्तराखंड। लाइफ लाइन कही जाने वाली 108 एंबुलेन्स सेवा जिसका मरीजों की जान बचाने में भी एक अच्छा खासा किरदार है। अगर शहर में 108 एंबुलेन्स गाड़ी ही दुरूस्त न हो तो गाड़ियों पर निर्भर मरीजों को अस्पताल कैसे पहुंचेंगे। इसके लिए उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग ने नई योजना तैयार की है इस योजना के तहत लाइफ लाइन कहे जाने वाली 108 एंबुलेंस सेवा को जल्द ही नया जीवन और मरीजों को इसका सीधा फायदा मिलेगा। क्योंकि इस सेवा में जो पुरानी एंबुलेंस हैं उनमें तकनीकी उपकरणों को बदलने का कार्य के साथ 66 नई एंबुलेंस को बेड़े से जोड़ा जा रहा है।

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दरअसल उत्तराखंड में 108 एंबुलेंस की एक बड़ी तादात में आज भी कई ऐसी पुरानी गाड़ियां मौजूद हैं, जिसके वजह से 108 एम्बुलेन्स सेवा मरीजों को वह सेवा नहीं दे पा रही है जो उसको मिलनी चाहिए।

सरकार से पैसा न मिलने और इनकम टैक्स से रिटर्न ने मिलने की वजह से राज्य में 108 सेवा चलाने वाली कंपनी जीवीके की हालत इतनी बेकार हो गई थी कि वह अपने कर्मचारियों की उनकी तनख्वाह भी देने में विफल है। इसके चलते देहरादून स्थित कॉल सेंटर से 25 कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर दिया था. इसी महीने राज्य सरकार ने जीवीके को 6 करोड़ रुपये जारी किए थे। जिसके बाद कर्मचारियों की तनख्वाह और गाड़ियों के मूल रूप से मेंटेनेंस की व्यवस्था दुरूस्त हो सकी।

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