10% सवर्ण आरक्षण से इन 3 राज्य के लोगों को होगा सबसे ज़्यादा फायदा

इस सर्वे के आधार पर आंध्र प्रदेश के हिस्से 5.8%, गुजरात के हिस्से 5.4%, बिहार के हिस्से 5.0%, मध्य प्रदेश के हिस्से 4.8% जबकि अन्य सभी राज्यों की हिस्सेदारी 36.5% रहेगी. सिर्फ पश्चिम बंगाल, यूपी और महाराष्ट्र के हिस्से आरक्षण से होने वाला 40% से ज्यादा फायदा आएगा.

10% सवर्ण आरक्षण

8 लाख से कम आय वर्ग में किस जाति के कितने ?
10% आरक्षण का आधार 8 सालाना आय को बनाने पर विवाद भी छिड़ गया है क्योंकि बीपीएल के लिए ये सीमा 27 हज़ार रुपए सालाना है जबकि इनकम टैक्स का पहला स्लैब सालाना 2.5 लाख रुपए से शुरू होता है. IHDS के इस सर्वे के मुताबिक ब्राह्मणों की आबादी में 8 लाख से कम सालना आय वाले परिवारों का प्रतिशत 74.5 है जो कि बाकी सभी जातियों की तुलना में सबसे बेहतर है.

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अन्य सामान्य वर्ग की जातियों में ये प्रतिशत 78.5 है जबकि ओबीसी में 89 प्रतिशत है. 8 लाख से कम आय के मामले में सबसे बुरी हालत 91.9 प्रतिशत के साथ अनुसूचित जाति और 92.8 प्रतिशत के साथ अनुसूचित जनजाति के लोग ही हैं. इस सर्वे के मुताबिक एक करोड़ 25 लाख ब्राह्मण परिवारों जो चिन्हित किया गया था जिनमें से 93 लाख 8 लाख सालाना से कम कमाने वाले हैं. अन्य सामान्य वर्ग की जातियों के परिवारों की संख्या 5 करोड़ 37 लाख के आस पास है जिनमें से 4 करोड़ 21 लाख की आय 8 लाख सालाना से कम है.

किसकी कितनी हिस्सेदारी?
एससी/एसटी और ओबीसी आरक्षण के बावजूद सरकारी नौकरियों में सामान्य वर्ग के लोगों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है. कार्मिक विभाग के आंकड़ों की मानें तो आज भी सरकारी नौकरियों में सामान्य वर्ग की भागीदारी 57.79 फीसदी है. वहीं बड़े पदों की बात करें तो ये आंकड़ा 74.48 प्रतिशत तक पहुंच जाता है. आरक्षण और उसकी आलोचनाओं के बावजूद सरकारी नौकरियों में ओबीसी सिर्फ 17.31 फीसदी और एससी की भागीदारी 17.3 फीसदी है, एसटी की भागीदारी का कोई आंकड़ा मौजूद नहीं है.

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