आखिरकार इंसान ने बना ही लिया अंतरिक्ष में अपना घर

हैबिटेट कक्षवाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री जेफ विलियम्स ने सोमवार को सफलतापूर्वक पहली बार अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पर पहले इंफ्लेटेबल हैबिटेट कक्ष में प्रवेश किया। यह हैबिटेट कक्ष एक तरह का घर है, जहां इंसान रह सकता है।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी, नासा ने एक ब्लॉग में लिखा है कि जेफ ने सुबह 4.47 बजे बिगेलो एक्सपेंडेबल एक्टिविटी मॉड्यूल (बीम) के दरवाजे को खोलकर रूसी अंतरिक्ष यात्री ओलेग स्क्रिपोचका के साथ कक्ष में प्रवेश किया।

हैबिटेट कक्ष में प्रवेश

बयान के अनुसार, “विलियम्स ने अमेरिका के ह्यूस्टन स्थित मिशन कंट्रोल के उड़ान नियंत्रकों से कहा कि बीम पुराना प्रतीत हो रहा है और इसके अंदर काफी ठंडक है, लेकिन इसकी भीतरी सतह पर संक्षेपण (ठंडी सहत पर बूंदों के रूप में जमने वाला पानी) का कोई निशान नहीं है।”

इंफ्लेटेबल कक्ष के अंदर जेफ ने एक वायु नमूना एकत्र किया और 28 मई को बीम के खुलने की गतिशीलता के आंकड़ों को भी डाउनलोड किया। 28 मई को ही वैज्ञानिकों ने करीब सात घंटों के अभियान के बाद हवा भरकर इस विस्तरित हैबिटेट को खोलने में सफलता हासिल की थी।

विलियम्स अगले दो दिनों तक हैबिटेट में सेंसर स्थापित करेंगे, जो इस परियोजना के प्रारंभिक कार्यो के आंकड़ों को इकट्ठा करने में मददगार होंगे। इसका प्रारंभिक परीक्षण एक्सपेंडेबल स्पेस हैबिटेड की व्यवहार्यता जांचने के साथ ही सौर ऊर्जा, अंतरिक्ष मलबा और अंतरिक्ष के तापमान की चरम सीमाओं पर मॉड्यूल के सुरक्षित रहने की क्षमता का आकलन करना है।

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