हुआ खुलासा , अब होगी पानी की किल्लत देश के 91 जलाशयों में सिर्फ 20% ही बचा…

अगर पानी के कमी से उबारने के लिए सिर्फ बारिश का ही सहारा है. अगर देश में अच्छी बारिश नहीं हुई तो पानी की भारी किल्लत के लिए तैयार रहे.

बारिश

वहीं केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की रिपोर्ट के अनुसार 30 मई 2019 को देश के 91 जलाशयों में सिर्फ 20 फीसदी पानी ही बचा है. जबकि, 23 मई को यह 21 प्रतिशत था.

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देखा जाये तो पश्चिम और दक्षिण भारत के जलाशयों में पानी पिछले 10 वर्षों के औसत से भी नीचे चला गया है. जलाशयों में पानी की कमी की वजह से देश का करीब 42 फीसदी हिस्सा सूखाग्रस्त है.

लेकिन जो पिछले साल की तुलना में 6 फीसदी ज्यादा है. सूखे पर निगरानी रखने वाले ड्रॉट अर्ली वॉर्निंग सिस्टम ने 28 मई को बताया था कि सूखाग्रस्त इलाके का हिस्सा बढ़कर 42.61% हो गया है, जो 21 मई को 42.18 फीसदी था.

91 जलाशयों में अभी 31.65 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी है. यह इन जलाशयों की कुल क्षमता का 20 प्रतिशत ही है. इन 91 जलाशयों की कुल क्षमता 161.993 बीसीएम है, जो देश की अनुमानित कुल स्टोरेज 257.812 बीसीएम का लगभग 63 फीसदी है. इन 91 जलाशयों में से 37 जलाशय ऐसे हैं जो 60 मेगावाट से अधिक बिजली पैदा करने में मदद करते हैं.

आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और राजस्थान सूखे से बुरी तरह प्रभावित हैं. असामान्य रूप से सूखे वाली कैटेगरी में बीते साल के 0.68% के मुकाबले इस साल 5.66% की बढ़ोतरी हुई है.

अब सबकी निगाहें मॉनसूनी बारिश पर हैं. भारतीय मौसम विभाग ने अपने दूसरे अनुमान में दावा किया है कि ये एक सामान्य मॉनसून होगा. लेकिन उत्तर पश्चिम भारत और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम बारिश होने की आशंका है.

पश्चिमी क्षेत्र में गुजरात तथा महाराष्ट्र आते हैं. इस क्षेत्र में 31.26 बीसीएम की कुल स्टोरेज वाले 27 जलाशय हैं. इन जलाशयों में कुल मौजूद स्टोरेज 3.53 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल क्षमता का 11% है. पिछले साल इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 15% थी. पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में स्टोरेज कम है.

लेकिन दक्षिणी क्षेत्र में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडु आते हैं. इस क्षेत्र में 51.59 बीसीएम की कुल स्टोरेज वाले 31 जलाशय हैं. इन जलाशयों में अभी 5.91 बीसीएम है, जो इन जलाशयों के कुल स्टोरेज का 11% है. पिछले साल इसी अवधि में इन जलाशयों का स्टोरेज 12 प्रतिशत थी. इस तरह चालू वर्ष में संग्रहण पिछले वर्ष की इसी अवधि में हुए संग्रहण से 1 फीसदी कमी है.

दरअसल पूर्वी क्षेत्र में झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल एवं त्रिपुरा आते हैं. इस क्षेत्र में 18.83 बीसीएम की कुल स्टोरेज वाले 15 जलाशय हैं. इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 4.02 बीसीएम है, जो इन जलाशयों के कुल स्टोरेज का 21% है. पिछले साल की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 24% थी. पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में स्टोरेज कम है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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