हिमाचल के इस शहर में बसी है प्राचीन वास्तुकला, बनाए अपने सफ़र का हिस्सा
अगर आपको भी ऐतिहासिक स्थल और शानदार प्राचीन वास्तुकला को देखने का शौक है तो आपको भी एक बार अपने जीवन में बिलासपुर की यात्रा जरूर करनी चाहिए. हिमाचल प्रदेश के हिमालयों में बसी ये जगह बहुत ही ज्यादा खूबसूरत है.
इस शहर की अलंकृत वास्तुकला और अभेद्य किले देखने लायक हैं. समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक वास्तुकला से सराबोर बिलासपुर अपने इतिहास और पौराणिक कथाओं के लिए प्रसिद्ध है. अपनी अगली यात्रा पर आपको इस जगह को जरूर देखना चाहिए.तो चलिए जानते हैं बिलासपुर के बारे में और यहां पर आप क्या-क्या देख सकते हैं.
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कैसे पहुंचे बिलासपुर वायु मार्ग द्वारा:
बिलासपुर का निकटतम हवाई अड्डा हिमाचल प्रदेश में स्थित शिमला है जो लगभग 124 किमी की दूरी पर स्थित है. हवाई अड्डे से नियमित कैब सेवाएं उपलब्ध हैं.
रेल मार्ग द्वारा:
बिलासपुर में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है. निकटतम रेलवे स्टेशन पंजाब में कीरतपुर साहिब जंक्शन है जो शहर से 98 किमी दूर है और देश के सभी प्रमुख शहरों से यहां नियमित ट्रेनें आती हैं.
सड़क मार्ग द्वारा:
बिलासपुर के लिए भारत के अन्य प्रमुख शहरों से नियमित बसें आती हैं. शहर के केंद्र में स्थित इसके बस टर्मिनस बिलासपुर बस जंक्शन से आप बस ले सकते हैं. बिलासुपर आने का सही समय बिलासपुर आने का सबसे सही समय अक्टूबर से लेकर मार्च तक है. इस दौरान यहां का मौसम बहुत सुहावना रहता है और तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस तक रहता है.
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व्यास गुफाएं
पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व रखने वाली व्यास गुफा बिलासपुर के महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थलों में से एक है. पर्यटकों और यात्रियों को ये जगह बहुत पसंद आती है. इस गुफा से एक दिलचस्प कथा जुड़ी हुई है. किंवदंती है कि व्यास ऋषि ने एक बार इस गुफा में ध्यान किया था. व्यास ऋषि ने महाभारत की महाकाव्य कथा लिखी थी. व्यास गुफा अब श्रद्धेय तीर्थ का स्थान बन गया है और यहां हर साल अनेक कारणों से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं.
गोबिंद सागर झील
बिलासपुर में गोबिंद सागर झील के सौंदर्य से मुग्ध होने के लिए तैयार हो जाइए. यह भाखड़ा नांगल बांध के लिए बनाई गई एक कृत्रिम झील है, जो हिमालय के पहाड़ों के बीच में है. ये झील इतनी शांत है कि आप अपने जीवन की सारी चिंताओं को भूल जाएंगे. मछली पकड़ने और वॉटर स्पोर्ट्स एवं नौका विहार, कायकिंग, ज़ोरबिंग, मोटर बोट रेसिंग आदि का मज़ा ले सकते हैं.
बहादुरपुर किला
कई शानदार स्थापत्य कलाओं के गढ़ बिलासपुर में एक लोकप्रिय बहादुरपुर किला भी है. यह किला बहादुरपुर नामक एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है. दशकों पुरानी प्राचीन सुंदरता और आभा को समेटे इस किले को देखकर पर्यटकों का मन मंत्रमुग्ध हो जाता है. देवदार और पाइन के पेड़ों के बीच खूबसूरत पर्वत श्रृंखलाओं से घिरे बहादुरपुर किले की स्थापना 1835 में हुई थी. अब रखरखाव में लापरवाही के कारण ये किला जर्जर होने लगा है.
सरियुन किला
ऐतिहासिक महत्व रखने वाले कई किलों से घिरे बिलासपुर का सरियुन किला भी बहुत लोकप्रिय है. समुद्र तल से 1500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सरियुन किला पूरी तरह से पत्थरों से बना है. यह किला ऐतिहासिक महत्व के साथ कालातीत पुराने समय की वास्तुकला का उम्कृष्ट नमूना है. इस किले के बारे में स्थानीय लोग कहते हैं कि किले को बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए पत्थरों का इस्तेमाल कभी भी किसी भी घर को बनाने के लिए नहीं किया जाएगा.