हादसों को दावत देते बिजली के पोल, प्रशासन को नहीं कोई फिकर
रिपोर्ट -:- अश्वनी बाजपेई/औरैया
आज के समय इंसान जहाँ चाँद पर पहुँच चुका है, ऐसे में विद्युत पोल कोई अजब चीज नहीं है क्योकि आज के समय विद्युत (बिजली ) के बिना कोई भी कार्य नहीं हो पाता है , विद्युत पोल का जिक्र आते ही जेहन में सीमेंट और लोहे के सीधे पोल की तस्वीर उभर आती जो कि बड़े -बड़े तारो के माध्यम से विधुत को पूरे भारत में घर घर तक पहुचाती है.
लेकिन क्या कोई विधुत पोल ऐसा भी है जो कि विधुत के तारो को तो उठाये है ही साथ ही साथ प्रकृति का एक नायाब अजूबा भी बना हुआ है , अजूबा मतलब अदभुत , एक ऐसा विद्युत पोल जो कि देखने में बिलकुल ठीक लेकिन जब उस खम्बे से दूर चले तो व्यक्ति के चलने के साथ ही झुकता चला जाय , पेश है औरैया से स्पेशल रिपोर्ट
यूपी के औरैया जनपद के असेनी गाव किसी परिचय का मोहताज नहीं है इस ग्राम कि पहचान किसी और कारण से नहीं बल्कि आज यह ग्राम अदभुत विधुत पोल के ग्राम के नाम से जाना जाता है.
इस अदभुत पोल कि जांच करने कई बड़े -बड़े वैज्ञानिक आये और चले गए लेकिन इस पोल का राज कोई भी सही – सही नहीं बता पाया । हालांकि इस खंबे को देखने के लिए सिर्फ औरैया ही नही बल्कि दूर दूर के जनपदों से भी लोग आते है , यह लोगो के लिए कौतूहल का विषय भी है ।
ख़ास बात तो यह है कि इस पोल को मध्य से देखने पर बिलकुल ही सीधा दिखायी देता है और फिर आप जिस दिशा कि तरफ चलेंगे तो यह पोल आप के चलने के साथ ही साथ झुकना शुरू कर देता है ,
लेकिन आज तक यह नही पता चल पाया कि आखिर किस वजह से सीधा खड़ा खम्बा बिल्कुल झुकते हुए और फिर खड़े होते हुए दिखता है , वंही ग्राम वासी इसे कुदरत का करिश्मा ही मानते है.
जिस खंबे का रहस्य बड़े बड़े वैज्ञानिक न उजागर कर सके उसे चुटकी में जवाब दे डाला इस खंबे के सरकारी मालिक ने यानी अधिशासी अभियंता ने , जवाब में उन्होंने जो जवाब दिया उसे सुनकर हैरान हुए बिना नही रहा जा सकता क्योंकि रहस्य का जवाब था मृगतृष्णा यानी कि गर्मियों में तेज धूप पर दूर सड़क पर पानी का प्रतिबिंब से दिखना और राजस्थान की रेत पर पानी का दिखना ।
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ये उदाहरण के अनुसार खम्भा तो है ही नही ? और ये एक अदभुत पोल नही है । ये एक सरकारी पद पर तैनात उच्चअधिकारी का है बयान ।
यहां एक बहुत बड़ा मुद्दा खड़ा होता है कि जिले के जिम्मेदार पद पर तैनात अधिकारी ही ऐसा जवाब देंगे तो फिर उनकी शिक्षा और इस ओहदे पर तैनाती पर भी प्रश्न चिन्ह लगता है.
इन अधिकारी महोदय के दिए गए जवाब के अनुसार यानी कि खेतो में खड़ा यह खम्भा जोकि आस पास के जनपदों में भी चर्चा और कौतूहल का विषय है जिसका जवाब खेत मालिक जोकि कम शिक्षित होंगे से लेकर बड़े बड़े वैज्ञानिक तक रहस्योद्घाटन न कर सके उसे इस खम्बे के सरकारी मालिक के जवाब ने ही उल्टा सवाल बना कर रख दिया है ।
यानी कि सभी को दिखने वाला खम्बा जिसके खेत मे उसको मिला कर सभी को दिख रहा है लेकिन xen साहब के जवाब के अनुसार यह है ही नही और बिजली सप्लाई में सहायक भी है ? यानी यह अदभुत पोल नही है ?