हर समय चिंता करने वाला व्यक्ति कभी भी कुछ हासिल नहीं कर पाता, वजह है आश्चर्यजनक

बहुत से लोग अपने जीवन के बहुत से पक्षों में इतना फेरबदल करना चाहते कि उन्हें समझ में ही नहीं आता कि शुरुआत कहाँ से करें.लोग अपनी जीवन शैली में सुधार लाना चाहते हैं. वे चाहते हैं कि उनकी कुछ आदतें जैसे स्मोकिंग करना और जंक फ़ूड खाना नियंत्रित हो जाएँ ताकि वे बेहतर तरीकों से काम कर सकें, 100 में से कुछ 2 लोग ही ऐसे लोग है जो ज्यादा सोचना पसंद करते है होंगे जिसका उनको पता भी नही होगा की फायदेमंद है या नही|

हर समय चिंता करने वाला व्यक्ति कभी भी कुछ हासिल नहीं कर पाता, वजह है आश्चर्यजनक

क्या कभी आपके साथ ऐसा हुआ है… जब आप किसी बात को लेकर चिंता लगाए रहते हैं… बहुत सोचते हैं.. कभी-कभार तो पूरे दिन बस एक ही घटना, व्यक्ति या चीज के बारे में सोचते रहते हैं और सोचते-सोचते आपका दिमाग कहीं का कहीं पहुंच जाता है। क्या इस सोच का परिणाम कभी सकारात्मक हुआ, क्या आप कभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचे?नही न तो आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से इसकी पूर्वरूप से जानकारी देंगे|

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सोचना नहीं है फायदेमंद

100 में से कुछ 2 लोग ही ऐसे होंगे जिनके लिए ज्यादा सोचना फायदेमंद हुआ हो.. क्योंकि अधिकांश मामलों में तो जो परिणाम होते हैं वह आपकी सोच और चिंतन द्वारा निकाले गए परिणाम से पूरी तरह अलग ही हुए हैं।

ओवर थिंकर

जो लोग ज्यादा सोचते हैं उन्हें ओवर थिंकर कहा जाता है… इनके दिन का अधिकांश भाग केवल सोच-विचार में ही डूब जाता है। इतना ही नहीं ये लोग दूसरों को तो परेशान करते ही हैं… साथ ही साथ अपने साथ अपने साथ भी कुछ ऐसा करते हैं जिसके बारे में वे किसी को कभी नहीं बताते। अब वो दुनिया से क्या छुपाते फिरते हैं, आइए हम आपको बता देते हैं।

काल्पनिक जोखिमों से बचना नहीं जानते

कोई चीज भले ही ना होने जा रही हों लेकिन फिर भी वह अपने दिमाग में उससे संबंधित बातों को लेकर सोचते रहते हैं… चाहे ना चाहे वे अपने दिमाग में चिंताएं और जोखिमों को बनाते चले जाते हैं, जिनसे बचना उन्हें नहीं आता।

असुरक्षित भावनाओं का प्रदर्शन

जो लोग बहुत ज्यादा सोचते हैं वास्तविक रूप में वे उतने ही ज्यादा असुरक्षा की भावना रखते हैं, हैरानी की बात तो ये है कि वे अपनी इन भावनाओं को आसपास के लोगों से छिपाते भी नहीं है। संभवत: वे अपनी सोच और चिंता को कुछ कम करने के बाद ही प्रदर्शित करते हैं लेकिन आप उनसे बात करते ही पहचान जाएंगे कि ये लोग कुछ ज्यादा ही सोचने वाले लोगों की श्रेणी में हैं।

लोगों को खुश करने की कोशिश करते हैं

ओवर थिंकर लोगों के बारे में बहुत सोचते हैं… लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं… अन्य लोगों की राय क्या है…. ये बाते इनके लिए बहुत महत्व रखती हैं। इसलिए आप इन्हें दूसरों को खुश रखने वाला व्यक्ति मान सकते हैं। अपने आसपास के लोगों को खुश करने के लिए ये कुछ भी कर सकते हैं।

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राई का पहाड़ बनाने में देर नहीं करते

राई का पहाड़ बनाना एक कहावत है यानि छोटी सी बात को बढ़ा देना… जो लोग ज्यादा सोचते हैं उन्हें भी हम इसी श्रेणी में रख सकते हैं। छोटी से छोटी समस्या को किस तरह बढ़ाना है इनसे बेहतर कोई नहीं जान सकता।

रातभर जागना

अब जब सोचना आदत ही है तो नींद कैसे आएगी… इसलिए इन लोगों की आंखों में रात के समय भी नींद नहीं भरती। बस करवट बदल-बदलकर रात बिता देते हैं। जब तक उनके मस्तिष्क में चल रही उठा पटक समाप्त नहीं होगी, उनके लिए सोना मुश्किल है।

हर समय राय मांगते हैं

जो लोग जरूरत से ज्यादा सोचते हैं, वे इस बात को भी बहुत महत्व देते हैं कि लोग उनके बारे में क्या धारणा रखते हैं। इस परिस्थिति में होते तो आप क्या करते… आप इस बारे में क्या सोचते… आपकी राय क्या होगी… ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो इन लोगों के दिमाग में चलते ही रहते हैं।

आराम नहीं पाते

जो लोग जरूरत से ज्यादा विचार य अचिंतन करते हैं उनके मस्तिष्क को कहीं भी आराम नहीं मिल पाता। वह ना तो स्वयं अपने लिए कुछ कर पाते हैं और ना ही कोई अन्य व्यक्ति इस मामले में उनकी सहायता कर पाता है। उनका दिमाग बस चलता रहता है और निरंतर चलता रहता है।

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माफी मांगने की आदत

उन्हें बस यही डर सताता रहता है कि कहीं उनकी वजह से कोई परेशान ना हो जाए.. या उनकी वजह से कोई समस्या ना आ जाए इसलिए वे अपनी गलती न अभी हो तो भी माफी मांगते रहते हैं। एक बात तो तय है कि गलती भले ही किसी की ही क्यों न अहो… माफी इन्हें ही मांगनी होती है।

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