वैज्ञानिकों ने संक्रमण को रोकने के लिए दी सलाह, कहा सेनेटाइजर नही बल्कि एंटीसेप्टिक साबुन से धोएं हाथ

जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी ने वायरस पर सेनेटाइजर का असर जानने के लिए किया अध्ययन | शोधकर्ता बोले, अल्कोहल से तैयार होने वाले सेनेटाइजर बैक्टीरिया मारते हैं लेकिन वायरस खत्म करने में असरदार नहीं|सेनेटाइजर लगाने के कई मिनट बाद भी वायरस जिंदा रहता है।

वैज्ञानिकों ने संक्रमण को रोकने के लिए दी सलाह, कहा सेनेटाइजर नही बल्कि एंटीसेप्टिक साबुन से धोएं हाथ

संक्रमण से बचना है तो सेनेटाइजर से नहीं साबुन से हाथ धोएं। बैक्टीरिया और वायरस से बचने के लिए अकसर सेनेटाइजर का प्रयोग किया जाता है लेकिन जापानी शोधकर्ताओं ने एंटीसेप्टिक साबुन से हाथ धोने की सलाह दी है।

जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, सेनेटाइजर स्किन पर सोखने के 2 मिनट बाद भी फ्लू का वायरस जिंदा रहता है। ऐसे अल्कोहल से तैयार सेनेटाइजर खासतौर पर वायरस को खत्म करने में नाकाफी साबित होते हैं।

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बदल रहा है फ्लू का वायरस

शोधकर्ताओं के मुताबिक, जब वायरस किसी लिक्विड से फैलता है तो सेनेटाइजर ठीक से काम नहीं कर पाता है, जैसे छींक आने पर। सेनेटाइजर लगाने के कई मिनट बाद भी वायरस जिंदा रहता है। सेनेटाइजर कितना काम करता है यह पता लगाने के लिए फ्लू से संक्रमित म्यूकस (चिपपिचा पदार्थ) को हाथ पर रखा गया है। इसके बाद उस पर सेनेटाइजर लगाया गया और 4 मिनट पर रगड़ा गया।

शोधकर्ताओं से सलाह दी है कि ऐसी स्थिति में हाथों का गर्म पानी और एंटीबायोटिक साबुन से हाथ धोना ज्यादा बेहतर है। ऐसा करने पर 30 सेकंड के अंदर फ्लू के वायरस को खत्म किया जा सकता है। रिसर्च के नतीजे समझने इसलिए भी जरूरी है क्योंकि हर साल ढाई से 5 लाख मौतें फ्लू के वायरस से कारण होती है। हर साल फ्लू का वायरस नए रूप में सामने आता है और मामले बढ़ते जा रहे हैं।

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शोधकर्ताओं का कहना है, ज्यादातर हैंड सेनेटाइजर में अल्कोहल का प्रयोग होता है। कुछ में एंटीबायोटिक कंपाउंड होते हैं जो बैक्टीरिया को तो मार सकते हैं इंफ्लुएंजा के वायरस को खत्म करने में नाकाम रहते हैं। शोधकर्ताओं ने फ्लू से संक्रमित कई सेंपल लेकर रिसर्च की। उन्होंने पाया कि वायरस को खत्म करने में अल्कोहल कम मददगार होते हैं। फ्लू का वायरस एक से दूसरे इंसान में आसानी से संक्रमित करता है ऐसे में खांसते या छींकते समय मुंह पर कपड़ा रखना जरूरी है।

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