कैंसर एक ऐसी बीमारी हैं जिसका इलाज अगर सही समय में न हो तो ये बीमारी अपना विशाल रूप ले लेती हैं और साथ ही इससे इंसान की मृत्यु भी हो सकती है .
बतादें की कैंसर एक ऐसी बीमारी जिसके सामने लगभग सभी इंसान को हारना तय होता है। हालांकि पहले स्टेज में ही जब इस रोग का पता चल जाए तो बचने की उम्मीद रहती है। इस घातक बीमारी के चपेट में आते ही सभी सपने और शौक का अंत हो जाता है। कुछ ऐसा ही अमेरिका के वॉशिंगटन में रहने वाले एलेक इनग्रामकी के साथ हुआ।
जहां कारों के शौकीन इस 14 साल के बच्चे की पिछले सप्ताह कैंसर से मौत हो गई। इस बच्चे की अंतिम इच्छा थी कि इसकी शवयात्रा स्पोर्ट्स कारों के साथ निकाला जाए। वह अपने इस विचार को सोशल मीडियी पर भी अक्सर साझा करता रहता था।
खबरों की माने तो एलेक के अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए ‘सिडनीज सोल्जर्स ऑलवेज’ नामक एक संगठन ने भरपूर मदद की। इस संगठन की मदद से एलेक के शवयात्रा के दौरान 2100 से अधिक स्पोर्ट्स कारें तथा 70 मोटरसाइकिलों के मालिक काफिले में शामिल होने के लिए सिक्स फ्लैग्स सेंट लुइस पार्किंग में इकट्ठा हुए।
इस शवयात्रा में शामिल होने के लिए पूरे अमेरिका से लोग आए हुए थे। कैलिफोर्निया, मिशिगन, इंडियाना, न्यूयॉर्क और फ्लोरिडा से स्पोर्ट्स कार के ज्यादातर मालिक अपनी गाड़ी खुद चलाकर आए थे, जबकि कुछ ने ड्राइवर भेज दिए थे। इस काफिले को निकलने के लिए वॉशिंगटन के मिसौरी शहर को दो घंटे से अधिक समय तक बंद रखा गया। काफिले में शामिल होने वाले कारों के मालिक एलेक को जानते तक नहीं थे।
बच्चे की इच्छा को पूरा करने के लिए “स्पोर्ट्स कार्स फॉर एलेक’ का आयोजन किया गया था। ‘सिडनीज सोल्जर्स ऑलवेज’ संगठन के प्रमुख दाना क्रिश्चियन मैनली ने इसके लिए कारों की व्यवस्था की थी। मैनली भी कैंसर की बीमारी से बहुत प्रभावित हैं, उनकी 8 वर्षीय बेटी सिडनी की भी कैंसर से मृत्यु हो गई थी।
दरअसल मैनली कहते हैं कि हमारे संपर्क में जितने भी कैंसर पीड़ित स्थानीय लोग हैं, वे सभी एक परिवार के सदस्यों की तरह रहते हैं और एक-दूसरे की मदद करते हैं। हमारे संगठन के पास टर्मिनल बीमारियों से पीड़ित बच्चों की सूची है। इसलिए मैं एलेक के घर गया था और उसकी मां से पूछा था कि एलेक की विश क्या है? इसके बाद हमारी अपील पर देशभर से लोग कार लेकर मिसौरी पहुंचने लगे।