सड़क परिवहन मंत्रालय की नई पहल , ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन अब पड़ेगा महंगा…

सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक नई पहल की शुरुआत की है. वहीं मंत्रालय ने तमिलनाडु , महाराष्ट्र और साथ ही हिमाचल प्रदेश के 11 राजमार्गो पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए है. हर पांच किलोमीटर पर लगे सीसीटीवी कैमरा विशेष स्थानों पर होने वाले उल्लंघन को रिकॉर्ड करेंगे. जहां इस बारे में अधिकारीयों का कहना हैं की इस परियोजना में इस्तेमाल होने वाला कैमरा जिसमे बॉडी कैमरा भी शामिल है.

 

 

वहीं यह ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को रिकॉर्ड और चालान जारी कर सके. देखा जाये तो इस पूरी परियोजना को स्थानीय पुलिस और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के साथ मिलकर अंजाम दिया जाएगा.और साथ ही इसमें एनआईसी के पास सभी वाहन और ड्राइवरों का डाटा मौजूद है.जिससे पुलिस को एनआईसी के डाटाबेस से वाहन के मालिक और उल्लंघनकर्ताओं की सारी जानकारी मिल जाएगी.

 

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बतादें की यह पायलट परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग कॉरिडोर के 1,550 किलोमीटर के हिस्से को कवर करेगी। जिनकी पहचान उन क्षेत्रों के तौर पर हुई है जहां सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं। इसपर 300 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। जहां इस परियोजना के लिए विश्व बैंक आर्थिक मदद प्रदान करेगा। खबरों के मुताबिक सेनानिवृत्त कर्मियों की एक टीम को 60 किमी के अंतराल पर चौबीसों घंटे तैनात किया जाएगा। इस बारे में एक अधिकारी का कहना हैं की उनके शरीर पर कैमरा लगाने का मकसद सभी घटनाओं और ट्रैफिक उल्लंघनकर्ताओं के दुर्व्यवहार को रिकॉर्ड करना है।

दरअसल इस पायलट परियोजना को ऐसे समय पर अंजाम दिया जा रहा है कि जब सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों में से 33-35 प्रतिशत केवल राजमार्गों पर होती हैं। वहीं यातायात नियमों का प्रबंधन और उन्हें लागू करना स्थानीय पुलिस की जिम्मेदारी है लेकिन वह अमूमन मैनपावर की कमी के कारण राष्ट्रीय राजमार्गों पर ऐसा नहीं कर पाते। जहां इसके अलावा राजमार्ग केंद्र सरकार के अंतर्गत आते हैं। दूसरे देशों की तरह भारत में नेशनल हाईवे पुलिस पेट्रोल सिस्टम नहीं है।

 

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